कर्नाटक पुलिस ने निर्मला सीतारमण, विजयेंद्र और अन्य के खिलाफ दर्ज की एफआईआर

बेंगलुरु, 28 सितंबर . कर्नाटक पुलिस ने चुनावी बांड के माध्यम से ‘जबरन वसूली’ के आरोपों में शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ केस दर्ज की.

बेंगलुरु की तिलक नगर पुलिस ने एमपी एमएलए कोर्ट के निर्देशानुसार एफआईआर दर्ज की है.

इस मामले में वित्त मंत्री सीतारमण को मुख्य आरोपी बनाया गया है. ईडी के अधिकारियों को दूसरे आरोपी के रूप में नामित किया गया है, जबकि भाजपा के केंद्रीय कार्यालय के पदाधिकारियों को तीसरे आरोपी के रूप में नामित किया गया है. जबकि चौथे आरोपी के रूप में कर्नाटक भाजपा के पूर्व सांसद नलिन कुमार कतील और राज्य भाजपा अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र इस मामले में पांचवें आरोपी हैं. छठे आरोपी के तौर पर प्रदेश बीजेपी पदाधिकारियों का नाम है.

पुलिस ने आईपीसी की धारा 384 (जबरन वसूली), 120बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने के लिए कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) के तहत एफआईआर दर्ज की है.

बेंगलुरु स्पेशल कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली के अपराध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

जनाधिकार संघर्ष परिषद के सह-अध्यक्ष आदर्श आर अय्यर इस मामले में शिकायतकर्ता हैं.

स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार को इस संबंध में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था.

शिकायतकर्ता ने निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ चुनावी बाॅन्‍ड के माध्यम से जबरन वसूली के अपराध का आरोप लगाया है.

कोर्ट ने बेंगलुरु के तिलक नगर पुलिस स्टेशन के क्षेत्राधिकार वाले एसएचओ को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.

अगली सुनवाई की तारीख 10 अक्टूबर तय की गई है.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि आरोपियों और संवैधानिक पदों पर बैठे कई अन्य लोगों, एमएनसी और टीएनसी कॉर्पोरेट कंपनियों के सीईओ और एमडी के साथ मिलकर चुनावी बांड की आड़ में जबरन वसूली की और 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम का लाभ उठाया.

शिकायतकर्ता ने उल्लेख किया है कि मुख्य आरोपी ने अधिकारियों की गुप्त सहायता और समर्थन के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये की उगाही की सुविधा प्रदान की.

आदर्श अय्यर ने अपनी शिकायत में कहा कि, “ऐसा प्रतीत होता है कि मुख्य आरोपी ने विभिन्न कॉर्पोरेट कंपनियों, उनके सीईओ, एमडी आदि के यहां छापेमारी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए नामित अधिकारियों पर दबाव डाला. छापे के डर से, कई कॉरपोरेट को कई करोड़ों रुपये के चुनावी बाॅन्‍ड खरीदने के लिए मजबूर किया गया. जिसे आरोपियों ने भुना लिया.”

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि चुनावी बाॅन्‍ड की आड़ में जबरन वसूली रैकेट विभिन्न स्तरों पर भाजपा के पदाधिकारियों के साथ मिलकर चलाया गया है.

एकेएस/