बेंगलुरु, 3 जुलाई . कर्नाटक पुलिस ने बुधवार को बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र और विपक्ष के नेता (एलओपी) आर अशोक सहित पार्टी के कई नेताओं को हिरासत में लिया. भाजपा नेता सीएम आवास तक मार्च निकालने की योजना बना रहे थे, इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
भाजपा नेता जनजातीय विकास बोर्ड और मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में कथित अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास की घेराबंदी करने की भाजपा नेताओं की योजना को विफल कर दिया और उन्हें हिरासत में लिया है. कुछ वरिष्ठ नेताओं को बसों में ले जाया गया.
भाजपा नेताओं ने विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं देने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की. साथ ही दावा किया कि उन्हें विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं देकर कांग्रेस सरकार ने घोटालों में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की भूमिका की पुष्टि कर दी है.
हिरासत में लिए जाने के दौरान आर अशोक ने कहा कि एमयूडीए घोटाले में, जिन भूमि मालिकों को 15 साइटें मिलनी थीं, उन्हें 20 साइटें दे दी गईं. कुछ मामलों में, जिन भूमि मालिकों की जमीन चली गई और जिन्हें 20 साइटें मिलनी थीं, उन्हें अधिकारियों ने 60 साइटें आवंटित कर दी. उन्होंने इसे सरकार की ‘खुली लूट’ बताया.
सीबीआई मांड्या शहरी विकास प्राधिकरण मामले की जांच कर रही है. भाजपा मांग कर रही है कि एमयूडीए घोटाले की जांच भी सीबीआई को सौंपी जाए.
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कर्नाटक को एक ‘मॉडल राज्य’ कहा था. भाजपा नेता ने मजाक उड़ाते हुए इसे ‘लूट मॉडल’ बताया.
अशोक ने कहा, “भाजपा ने पहले ही आदिवासी कल्याण घोटाले में एक मंत्री को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया है. कांग्रेस सरकार के एक अन्य मंत्री के इस्तीफा देने तक आंदोलन जारी रखने की शपथ ली है.”
बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि गरीबों जमीन कुछ चुनिंदा लोगों को आवंटित कर दी गई, जिससे गरीबों को 10 से 13 साल तक इंतजार करना पड़ा.
भाजपा राज्य विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी. भाजपा विधायक अरविंद बेलाड ने सवाल किया कि सीएम सिद्दारमैया शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की इजाजत क्यों नहीं दे रहे हैं?
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