बेंगलुरु, 28 अप्रैल . कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने केंद्र से ‘काफी कम’ सूखा राहत मिलने के विरोध में रविवार को विधान सौध परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समाने विरोध-प्रदर्शन किया.
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री तथा कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व किया. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तथा कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, राज्य के कैबिनेट मंत्री और प्रमुख नेता भी इसमें शामिल हुए.
शिवकुमार ने कहा कि “संघर्ष यहीं समाप्त नहीं होगा”. राज्य ने सितंबर 2023 में सूखा के बारे में एक मेमोरेंडम दिया था. सितंबर से अबतक राज्य को 50 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त नुकसान हो चुका है. उन्होंने कहा, “केंद्र ने मनरेगा के तहत भी पैसा नहीं दिया है और किसी को काम नहीं मिला है. यह राशि जार करनी ही होगी.”
उप मुख्यमंत्री ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट से फटकार मिलने के बाद केंद्र सरकार ने तीन हजार करोड़ रुपये जारी किये हैं. पैसा संकट के समय ही जारी कर दिया जाना चाहिये था. कुछ समय बाद बारिश शुरू हो जायेगी. यदि गारंटी नहीं होती तो लोगों का जीना मुहाल हो जाता. हमने उनकी जिंदगी बचाई है. चार करोड़ से ज्यादा परिवार लाभांवित हुये हैं.”
उन्होंने कहा, “हम अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर हुए क्योंकि उन्होंने (केंद्र ने) संघीय ढांचे का सम्मान नहीं किया. हम भीख नहीं मांग रहे हैं. हमने किसानों को दो-दो हजार रुपये दिये हैं और पेयजल संकट का प्रबंधन किया है. हम हमारा हक मांग रहे हैं.”
केंद्र सरकार ने शनिवार को कर्नाटक के लिए 3,454 करोड़ रुपये का सूखा राहत जारी किया. भाजपा की राज्य इकाई ने इस कदम का स्वागत किया जबकि कांग्रेस ने इस राशि को 18 हजार करोड़ रुपये की उसकी मांग की तुलना में काफी कम बताया है.
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