बाघों की मौत मामले में कर्नाटक सरकार ने तीन वन अधिकारियों को ‘अनिवार्य’ छुट्टी पर भेजा

बेंगलुरु, 30 जून . माले महादेश्वर हिल्स वन क्षेत्र में एक बाघिन और उसके चार शावकों की मौत से जुड़े सनसनीखेज मामले में कर्नाटक सरकार ने तीन वरिष्ठ वन अधिकारियों को “अनिवार्य” छुट्टी पर भेज दिया है. यह आदेश वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू नहीं करने पर हुई आलोचना के बाद दिया गया है.

आदेश जारी करने वाली प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वनबल प्रमुख) मीनाक्षी नेगी ने सोमवार को इस संबंध में एक आधिकारिक बयान जारी किया.

वरिष्ठ अधिकारी वाई. चक्रपाणि, उप वन संरक्षक, माले महादेश्वर हिल्स वन्यजीव प्रभाग, कोलेगल को अनिवार्य अवकाश पर जाने का निर्देश दिया गया है.

इसी तरह, गजानन हेगड़े, सहायक वन संरक्षक, हनूर वन्यजीव उप-मंडल, और मदेश, उप-मंडल वन अधिकारी, हुग्यम वन्यजीव क्षेत्र प्रभारी को भी अनिवार्य अवकाश पर जाने के लिए कहा गया है.

सरकार ने इन पदों पर वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया है और उन्हें तुरंत कार्यभार संभालने का निर्देश दिया है.

आदेश में कहा गया है कि माले महादेश्वर हिल्स डिवीजन के संबंधित उप-मंडल वन अधिकारी और गश्ती कर्मचारियों के खिलाफ अलग से कार्रवाई शुरू की जाएगी. यह कार्रवाई मुख्य वन संरक्षक, चामराजनगर सर्कल द्वारा की जाएगी.

आदेश में कहा गया है कि पांच बाघ सड़क से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर मृत पाए गए. कई दिनों तक शव पड़े रहने के बावजूद अधिकारी अनभिज्ञ रहे. यह स्थान शिकार रोकने के लिए लगाए गए शिविर से मात्र 800 मीटर की दूरी पर था.

यह भी उल्लेख किया गया कि शिविर के कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं दिया गया था.

आदेश में निष्कर्ष निकाला गया कि डीसीएफ चक्रपाणि और दो अन्य अधिकारी इस घटना के लिए जिम्मेदार प्रतीत होते हैं. इसलिए, उन्हें ‘अनिवार्य’ अवकाश पर भेज दिया गया है, क्योंकि मामले में विस्तृत जांच की आवश्यकता है.

बाघिन और शावकों के शव अभयारण्य के हुग्यम रेंज के भीतर मीन्यम वन क्षेत्र में पाए गए.

सूत्रों ने कहा कि बाघिन ने गाय को मार डाला और उसे जंगल में खींच लिया. उसने और उसके चार शावकों ने मांस को आंशिक रूप से खा लिया. बाद में, बाघिन और उसके शावक शिकार के पास वापस आए और जहर मिला हुआ मांस खाने के बाद मर गए.

अधिकारियों ने मामले का खुलासा किया और पिछले शनिवार को घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया.

एससीएच/एकेजे