बेंगलुरु, 23 मार्च . कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारामैया ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार ने दक्षिणी राज्य को सूखा राहत जारी नहीं करने के कारण केंद्र सरकार के खिलाफ रिट याचिका दायर की है.
सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई है. सीएम सिद्दारामैया ने कहा, शीर्ष अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली है.
उन्होंने मांग की, “पांच महीने के इंतजार के बाद हम कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर हैं. याचिका में शीर्ष अदालत से केंद्र सरकार को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) के तहत मुआवजा तुरंत जारी करने के निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है.”
उन्होंने कहा, “हम या किसान इंतजार नहीं कर सकते, वे सब्सिडी की मांग कर रहे हैं. सरकार को 4,600 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी जारी करनी है. हमने एनडीआरएफ के तहत 18,171 करोड़ रुपये का मुआवजा पैकेज मांगा है. हमने उनसे अनुरोध किया है.”
केंद्र ने नियमों का उल्लंघन किया है. उसे एक माह के अंदर पैसा जारी कर देना चाहिए था. उन्होंने कहा, “हमने इस संबंध में भारत सरकार को निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है.”
उन्होंने कहा, “हम कानूनी संघर्ष नहीं चाहते. हमारे किसान तनाव में हैं. हम संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट याचिका दायर करके लड़ने के लिए मजबूर हैं. कानून के अनुसार मुआवजा दिया जाना चाहिए. हमारा राज्य केंद्र सरकार को करों के रूप में 4.30 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करता है. हम अपने अपने कर में से ये पैसे से मांग रहे हैं. हम भीख नहीं मांग रहे हैं.”
सिद्दारामैया ने कहा, “हम यहां केवल करों का भुगतान करने के लिए नहीं हैं. संविधान केंद्र सरकार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए बाध्यकारी है. कर्नाटक के साथ अन्याय हुआ है. दिसंबर 2023 में हमने पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. उन्होंने वादा किया था कि वे 23 दिसंबर, 2023 को एक बैठक करेंगे और धन जारी करने का वादा करेंगे. मगर उन्होंने धन जारी नहीं किया है.”
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