![]()
Bengaluru, 17 नवंबर . कर्नाटक के Chief Minister सिद्धारमैया ने Monday को Prime Minister Narendra Modi को पत्र लिखकर प्रदेश में जारी गन्ना किसान आंदोलन और मूल्य संकट को लेकर चिंता जताई. उन्होंने इस मामले में केंद्र Government से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है.
Prime Minister मोदी को संबोधित करते हुए पत्र की शुरुआत में सीएम सिद्धारमैया ने Prime Minister को कर्नाटक की जनता की ओर से शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 6 और 8 नवंबर 2025 को भेजे गए पिछले पत्रों में उन्होंने किसानों की स्थिति के बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने यह भी बताया कि Prime Minister से मुलाकात का अवसर मिलने के लिए वे आभारी हैं.
Chief Minister ने बताया कि गन्ना किसानों का आंदोलन पूरे राज्य में तेज हो गया था और कानून-व्यवस्था प्रभावित होने का खतरा था. स्थिति को संभालने के लिए राज्य Government को त्वरित कदम उठाने पड़े. 7 नवंबर 2025 को उन्होंने किसान नेताओं और चीनी मिल मालिकों के साथ लंबी बैठक की. बातचीत के बाद Government ने एक आदेश जारी किया, जिसके तहत किसानों को तात्कालिक वित्तीय राहत देने का निर्णय लिया गया.
सीएम ने आगे बताया कि Government के आदेश के अनुसार, प्रति टन गन्ने पर 100 रुपए की अतिरिक्त दूसरी किस्त देने का फैसला हुआ. इसमें 50 रुपए प्रति टन राज्य Government वहन करेगी और शेष 50 रुपए प्रति टन चीनी मिलें देंगी. इस निर्णय से किसानों को 10.25 प्रतिशत रिकवरी पर 3,200 रुपए प्रति टन और 11.25 प्रतिशत रिकवरी पर 3,300 रुपए प्रति टन का शुद्ध मूल्य प्राप्त होगा. Chief Minister ने कहा कि इस हस्तक्षेप से तत्काल संकट काफी हद तक शांत हुआ और आंदोलन नियंत्रित हो गया.
उन्होंने आगे बताया कि इस राहत के बावजूद समस्या पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है. उनका कहना है कि मूल समस्या चीनी के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से जुड़ी है, जो लंबे समय से 31 रुपए प्रति किलो पर स्थिर है. चीनी मिलें इस मूल्य पर किसानों को अधिक भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं, जिसके कारण संघर्ष लगातार बना रहता है.
Chief Minister सिद्धारमैया ने Prime Minister मोदी से तीन प्रमुख मांगों को दोहराया. पहली मांग चीनी के एमएसपी में तत्काल संशोधन की है, ताकि मिलों को पर्याप्त तरलता उपलब्ध हो सके. दूसरी मांग यह है कि कर्नाटक की चीनी आधारित डिस्टिलरियों से एथनॉल की खरीद बढ़ाई जाए और उसे सुनिश्चित किया जाए, जिससे मिलों को नियमित आय मिले. तीसरी मांग केंद्र से ऐसी अधिसूचना जारी करने की है, जिसके तहत राज्यों को गन्ने का शुद्ध मूल्य तय करने या उसे अनुमोदित करने का अधिकार मिले. इससे गन्ने की कटाई और ढुलाई की लागत किसानों पर बोझ न बने और एफआरपी व्यावहारिक रूप से लागू हो सके.
Chief Minister ने आगे कहा कि कर्नाटक Government ने पूरी निष्ठा से अपने संसाधनों का उपयोग कर किसानों को राहत दी है, लेकिन स्थायी समाधान केंद्र Government के हस्तक्षेप से ही संभव है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि Prime Minister इन मुद्दों पर शीघ्र निर्णय लेकर कर्नाटक के किसानों के लिए एक स्थायी और व्यावहारिक समाधान प्रदान करेंगे.
–
पीएसके