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बागलकोट, 16 जुलाई . श्रीशैल पीठ के जगद्गुरु चन्ना सिद्धराम पंडिताराध्य ने कर्नाटक में Chief Minister पद को लेकर चल रही खींचतान पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर Government गठन के समय Chief Minister पद को लेकर कोई आपसी समझौता हुआ था तो हाईकमान को अब उस समझौते को लागू करना चाहिए. अगर सहमति बन जाती है तो आलाकमान को डीके को Chief Minister पद दे देना चाहिए.
श्रीशैल पीठ के जगद्गुरु चन्ना सिद्धराम पंडिताराध्य बागलकोट के अमीनगड में मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि Chief Minister पद को लेकर डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच प्रतिस्पर्धा है, लेकिन अगर पहले से कोई सहमति बनी थी तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, “हमारे पास यह जानकारी नहीं है कि Government गठन के समय क्या समझौता हुआ था, लेकिन अगर कोई सहमति बनी थी तो उसे लागू किया जाना चाहिए. डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों ही अनुभवी और कुशल राजनेता हैं.”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित करना सभी नेताओं की प्राथमिकता होनी चाहिए, न कि सत्ता को लेकर खींचतान.
यह बयान ऐसे समय आया है, जब कांग्रेस के भीतर Chief Minister पद को लेकर मतभेद की चर्चा तेज हो रही है. कर्नाटक में कांग्रेस Government को ढाई साल होने वाले हैं. ऐसे में डीके शिवकुमार को Chief Minister बनाने के लिए कांग्रेस विधायकों का एक धड़ा ‘ढाई-ढाई साल Chief Minister ’ फॉर्मूले की याद दिलाता है, जबकि सिद्धारमैया के पक्ष में खड़े विधायक नेतृत्व परिवर्तन से स्पष्ट मना करते हैं. उनका दावा है कि सिद्धारमैया 5 साल तक Chief Minister रहेंगे.
2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद सिद्धारमैया को Chief Minister बनाया गया, लेकिन डीके शिवकुमार उस समय रेस में आगे थे. बीते दो साल में अक्सर डीके शिवकुमार को Chief Minister बनाने की मांग उठती रही है. हालांकि, पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक में इसको लेकर खींचतान है.
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डीसीएच/