करनाल, 2 सितंबर . करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता को सर्वसम्मति से अखिल भारतीय महापौर परिषद का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. वह स्थानीय निकाय चुनाव में लगातार तीसरी बार मेयर बनी थीं. यह जिम्मेदारी उनकी वरिष्ठता और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए दी गई. इस बैठक में देश के विभिन्न शहरों से 70 से ज्यादा मेयरों ने हिस्सा लिया.
इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में Union Minister मनोहर लाल खट्टर ने शिरकत की. उन्होंने कहा कि हम सभी को सफाई और स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए. देश स्वच्छ होगा तभी हम कह पाएंगे कि भारत ने स्वच्छता में बेहतर किया. उन्होंने सभी महापौर से आह्वान किया कि पार्षदों के साथ मिलकर एक टीम बनाकर चलें. बिना भेदभाव के जिम्मेदारी के साथ शहरों को साफ और स्वच्छ बनाएं और आगे बढ़ाएं.
Union Minister मनोहर लाल के समक्ष परिषद की ओर से मांग रखी गई कि अलग-अलग राज्यों में मेयर पद के कार्यकाल की समय अवधि अलग-अलग है. कहीं दो साल तो कहीं एक साल का कार्यकाल है. इस पर मनोहर लाल ने कहा मेयर पद का कार्यकाल एक समान होना चाहिए. जहां पर मेयर पद का कार्यकाल एक वर्ष है, वह एक साल में मेयर पद का कामकाज समझने में गुजर जाता है. Haryana में यह कार्यकाल पांच वर्ष का है. विभिन्न State government ों को अपने स्तर पर कार्यकाल एक समान करना चाहिए. पूरे देश में एक समान कार्यकाल करवाने के लिए संविधान में संशोधन की जरूरत है. उन्होंने विभिन्न राज्यों से मेयरों को सीमित संसाधनों में बेहतर कार्य करने की नसीहत दी.
मनोहर लाल ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण में अब एक नया प्रयोग किया जा रहा है. पिछले कुछ सालों से करीब 23 शहर स्वच्छता रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसलिए निचली पायदान पर रहने वाले शहरों को लगता है कि यही शहर आगे रहेंगे तो वह ज्यादा प्रयास नहीं करते. इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि स्वच्छता में बेहतर रैंकिंग रखने वाले शहरों में स्वच्छता लीग करवाई जाएगी. इस लीग में श्रेष्ठ शहर कम रैंकिंग रखने वाले शहरों के साथ अपनी जोड़ी बनाएंगे. दोनों शहरों के प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग तय की जाएगी. इन शहरों को स्वच्छता सर्वेक्षण से बाहर रखा जाएगा. इस तरह से स्वच्छता में आगे बढ़ने वाले नए शहर भी सामने आएंगे.
छत्तीसगढ़ के भिलाई के महापौर नीरज पाल ने कहा कि ऐसे सम्मेलनों में देश भर के महापौर भाग लेते हैं, जो मार्गदर्शन, स्थानीय चुनौतियों का समाधान और बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं. ये सम्मेलन नियमित रूप से जारी रहने चाहिए.
–
एएसएच/जीकेटी