हैदराबाद, 3 अगस्त . भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव, भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया, ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले अभिनव बिंद्रा, बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद और शूटर गगन नारंग भारतीय खेलों के लिए अपनी तरह की पहली प्रशासनिक पहल में एक साथ आए हैं.
इसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर बुनियादी ढांचों को मजबूत करते हुए प्रतिभाओं के समग्र खेल विकास के लिए उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है.
तेलंगाना सरकार ने तेलंगाना खेल विकास कोष (टीएसडीएफ) के नवगठित बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का गठन किया है. इसमें खेल दिग्गजों के अलावा आरपी-संजीव गोयनका समूह के अध्यक्ष डॉ. संजीव गोयनका, भारतीय टेबल टेनिस को नई ऊंचाई पर पहुंचाने वाले वीता दानी, सनराइजर्स हैदराबाद की सीईओ काव्या मारन, अपोलो हॉस्पिटल्स फाउंडेशन की उपाध्यक्ष उपासना कामिनेनी रेड्डी जैसी शीर्ष हस्तियां शामिल हैं.
यह अग्रणी सार्वजनिक-निजी मॉडल जमीनी स्तर की प्रणालियों को मजबूत करने, विभिन्न विषयों में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और अगली पीढ़ी के चैंपियनों को तैयार करने के लिए एक राष्ट्रीय खाका तैयार करने के लिए डिजाइन किया गया है. टीएसडीएफ समावेशी खेल विकास के लिए नए दृष्टिकोण के साथ दृढ़ प्रतिबद्ध है.
इस पहल की शुरुआत करने वाले तेलंगाना के Chief Minister रेवंत रेड्डी ने कहा, “मेरा मानना है कि यह खेल नीति न केवल हमारे राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए खेलों के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. तेलंगाना के पास खेल उपलब्धियों की एक गौरवशाली विरासत है और मुझे विश्वास है कि अगर भारत को एक सच्ची खेल महाशक्ति बनना है, तो हमें खेलों को समग्र विकास के एक स्तंभ के रूप में देखना होगा और इस शासी निकाय के गठन से खेलों के विकास को वास्तविक रूप देने में मदद मिलेगी.”
टीएसडीएफ मॉडल मजबूत फंडिंग, एथलीट विकास, बुनियादी ढांचे, फिजिकल एजुकेशन टीचर्स के प्रशिक्षण और ओलंपिक खेलों में लक्षित निवेश पर आधारित है. यह बोर्ड संयुक्त निर्णय और पारदर्शी कार्यान्वयन तंत्र के लिए जिम्मेदार होगा.
तेलंगाना स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव के दौरान ओलंपियन गगन नारंग ने भारत में खेल विकास के दृष्टिकोण पर कहा, “पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) एक प्रचलित शब्द है. लेकिन, हम मूल पीपीपी, पॉलिसी, प्रोग्राम और परफॉर्मेंस, को भूल जाते हैं. पीपीपी को अपनाएं. तेलंगाना इसे लागू करने वाला पहला राज्य हो सकता है.”
अभिनव बिंद्रा ने कहा, “हमें केवल भाग लेने वाले लोगों की नहीं, बल्कि खेलने वाले लोगों की आबादी बनाने की जरूरत है. जमीनी स्तर पर विकास पदकों से आगे बढ़ना चाहिए. यह खेल के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने, व्यवस्था बनाने और प्रशिक्षित फिजिकल एजुकेशन टीचर्स को स्वामित्व लेने के लिए सशक्त बनाने के बारे में होना चाहिए. जब ऐसा होगा, तो भारत वास्तव में एक खेल राष्ट्र बन जाएगा.”
नवगठित बोर्ड में विश्व समुद्र ग्रुप के प्रबंध निदेशक सी. शशिधर, वॉलीबॉल प्रशासक रविकांत रेड्डी, बोर्ड के संचालन में पूर्व आईएएस अधिकारी और खेल सुधार अधिवक्ता बी.वी. पापा राव, पूर्व खेल सचिव इंजेती श्रीनिवास और तेलंगाना खेल प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवसेना रेड्डी भी शामिल हैं.
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पीएके/एबीएम