कानपुर, 30 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश के कानपुर में लोग वायु प्रदूषण से परेशान हैं. लोगों को फिक्र है कि दिवाली के बाद इसमें और बढ़ोतरी होगी. ज्यादातर लोगों की अपील है कि पर्यावरण का ख्याल रख ग्रीन पटाखे जलाए जाएं.
कानपुर के आम लोगों ने जिले में बढ़ रहे प्रदूषण का मुख्य कारण यहां से अवैध फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं को बताया है. साथ ही प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने की सलाह भी दी.
कानपुर के रहने वाले आशीष वाजपेई ने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों, बड़ों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक है. इसको लेकर काफी चीजों पर बैन लगाया जा रहा है. इतनी सारी फैक्ट्रियां चल रही हैं, कितनी सारी डीजल की गाड़ियां चल रही हैं, इसपर सरकार की तरफ से कभी कुछ सुनने को नहीं मिलता है और गाइडलाइन भी नहीं आती, लेकिन दीपावली के नजदीक आते ही सब जगह एक कॉमन न्यूज सामने आती है कि पटाखों को नहीं जलाया जाना चाहिए, ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
उन्होंने लोगों से अपील की कि दीपावली पर ग्रीन पटाखे जलाएं, वो इतने हानिकारक नहीं होते हैं.
दिल्ली में पटाखे जलाने पर बैन है और वहां पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ज्यादा हो रहा है, इसको लेकर राहगीर रवि अग्निहोत्री ने अनुरोध किया कि ज्यादा से ज्यादा ग्रीन पटाखों का उपयोग करें. अपने घर में बच्चों को ग्रीन पटाखे लाकर दें और अन्य जितने भी प्रदूषण वाले पटाखे हैं, उनका कम से कम इस्तेमाल करें.
उन्होंने आगे कहा कि लोगों को पटाखे को लेकर सचेत होना चाहिए. इससे हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है. लोगों को ये पता होना चाहिए कि अगर वो अपने बच्चों का भविष्य अच्छा बनाना चाहते हैं तो ईको फ्रेंडली और ग्रीन पटाखे ही जलाए. अन्य पटाखों से बुजुर्गों और सांस के मरीजों को बहुत तकलीफ होती है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को माने.
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एससीएच