नई दिल्ली, 15 मई . दिल्ली के 111 गांवों में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) सुविधा की शुरुआत को भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया. उन्होंने कहा कि अब दिल्ली देहात के लोग भी राजधानी के अन्य हिस्सों की तरह आधुनिक सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे.
समाचार एजेंसी से गुरुवार को बात करते हुए कमलजीत सहरावत ने कहा कि दिल्ली देहात के लोग जब शहर में विकास होते देखते थे और अपने गांवों में वो सुविधाएं नहीं पाते थे, तो अपने को बहुत अलग महसूस करते थे. लेकिन, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिल्ली के अंदर गांवों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 111 गांवों में पीएनजी लाइन की शुरुआत की, इसमें पश्चिमी दिल्ली के लगभग 70 गांव शामिल हैं. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और एलजी वीके सक्सेना का इस पहल के लिए हृदय से धन्यवाद करती हूं.
आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली में बढ़ते एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को लेकर भाजपा सरकार पर सवाल उठाए, तो कमलजीत सहरावत ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि जो लोग खुद एक्यूआई को 500 तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें कम से कम इस विषय पर बोलने से बचना चाहिए. दिल्ली की हवा को खराब करने में जिनका हाथ रहा, आज वही सवाल उठा रहे हैं. जब से भाजपा सरकार आई है, वह प्रदूषण को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. आप चिंता न करें, जो भी आवश्यक कदम होंगे, सरकार उठाएगी. लेकिन, 10 साल की विफलताओं का जवाब जनता ने दे दिया है.
कांग्रेस की तिरंगा यात्रा पर टिप्पणी करते हुए कमलजीत सहरावत ने पार्टी पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जिस संविधान के निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को कांग्रेस ने कभी सम्मान नहीं दिया, उसी कांग्रेस ने संविधान को तोड़-मरोड़कर इमरजेंसी थोप दी थी. आज वही लोग अगर संविधान की बात कर रहे हैं, तो यह जनता के सामने एक राजनीतिक नाटक से ज्यादा कुछ नहीं.
सहरावत ने आगे कहा कि वर्तमान में संविधान पूरी तरह सुरक्षित हाथों में है. प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार ने संविधान के हर पहलू को सम्मान दिया है. चाहे वह अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने का निर्णय हो, सब कुछ संविधान के अनुसार किया गया है. इसलिए असली संविधान रक्षक भाजपा की सरकार और प्रधानमंत्री मोदी हैं, न कि वे लोग जो लोकतंत्र को दबाने के लिए कुख्यात हैं.
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पीएसके/जीकेटी