कलबुर्गी का शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कायाकल्प पुरस्कार के लिए चुना गया, फिर कायम की स्वच्छता की मिसाल

कलबुर्गी, 29 सितंबर . शिवाजी नगर, कलबुर्गी स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को स्वच्छ भारत योजना के तहत सर्वश्रेष्ठ कायाकल्प पुरस्कार के लिए चुना गया है. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अस्पताल की स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण को बढ़ावा देने में उच्च गुणवत्ता वाली सेवा के लिए कायाकल्प पुरस्कार के लिए चुना गया है.

स्वच्छ भारत योजना के तहत सर्वश्रेष्ठ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए कायाकल्प पुरस्कार दिया जाता है. स्वच्छ भारत योजना के तहत 2022-23 एवं 24 में सर्वश्रेष्ठ शहरी स्वास्थ्य केंद्रों का चयन किया गया था. कर्नाटक का यह पहला शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, जिसने दो बार कॉम्प्लिमेंटरी और तीन बार उत्कृष्टता पुरस्कार जीता है.

यहां की डॉक्टर संध्या पुराणिक ने बताया कि बताया कि कायाकल्प के तहत यह हेल्थ सेंटर 2017 से लगातार अवार्ड जीत रहा है. इसे गुलबर्गा डिवीजन में बेस्ट अर्बन प्राइमरी हेल्थ सेंटर (यूपीएचसी) का अवार्ड मिल चुका है. इस डिवीजन में 6 जिले कवर होते हैं.

उन्होंने बताया कि कायाकल्प का मतलब है संक्रमण को नियंत्रित करना. इसके लिए हॉस्पिटल बिल्कुल साफ होना चाहिए. ताकि यहां आने वाले मरीजों को अन्य संक्रमण नहीं होने पाएं. कायाकल्प स्वच्छ भारत योजना का हिस्सा है, जिसे पीएम मोदी ने साल 2015 में शुरू किया था. कायाकल्प के तहत तीन प्रकार के मूल्यांकन होते हैं जिसमें हम लगातार टॉप कर रहे हैं.

यहां काम करने वाली हेल्थ वर्कर नफीसा बेगम ने बताया, “यहां पर बहुत सफाई है. यहां स्वच्छ भारत अभियान से पहले भी काफी सफाई थी और उसके बाद तो पूरे स्टाफ ने इसके लिए बहुत मेहनत की है. ताकि हम भी अच्छे रहे और लोगों को अच्छी सर्विस दे पाएं. स्वच्छ भारत के तहत साफ-सफाई से काम हो. हम भी इंफेक्शन से बचे रहें और मरीज का भी बचाव हो. हमारा मुख्य मकसद यही है. बार-बार अवार्ड मिलना बहुत खुशी की बात है. उम्मीद है कि हम आगे भी ऐसा करते रहेंगे. मैं पीएम मोदी से यही कहना चाहूंगी कि हम इसको आगे भी बरकरार रखेंगे.”

स्वास्थ्य निरीक्षक मोहम्मद हुसैन ने बताया, “यहां सर्विस अच्छी है और मेडिकल स्टाफ भी अच्छा है. यहां सफाई भी बहुत अच्छी है. यहां साफ सफाई का पूरा ख्याल रखा जाता है. यहां के स्टाफ को इन सब चीजों में काफी दिलचस्पी है और इसके लिए उन्होंने बहुत मेहनत भी की है.”

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