प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन पर कैलाश मानसरोवर की उनकी आध्यात्मिक यात्रा को किया याद

New Delhi, 17 सितंबर . ‘कैलाश मानसरोवर यात्रा: धैर्य और गौरव की यात्रा’ Prime Minister Narendra Modi की 1988 में पवित्र कैलाश पर्वत की धार्मिक तीर्थयात्रा को उनके 75वें जन्मदिन पर इस तरह याद किया गया.

तत्कालीन भाजपा पदाधिकारी Narendra Modi ने भक्तों के ग्रुप का नेतृत्व करते हुए कैलाश पर्वत की एक यादगार यात्रा की थी.

उन्होंने हिमालय के दुर्गम इलाकों को पैदल पार किया, यात्रा के सबसे दुर्गम स्थानों से गुजरे और अपने शांत धैर्य एवं अडिग संकल्प से भक्तों के पूरे ग्रुप को प्रेरित किया.

social media पर ‘एक्स’ हैंडल मोदी आर्काइव ने उनकी पुरानी तस्वीरें निकालीं और आध्यात्मिक यात्रा की अभूतपूर्व तस्वीरें साझा कीं.

इसमें कहा गया है कि Narendra Modi ने 1988 में एक ऐसी तीर्थयात्रा शुरू की, जिसके बारे में बहुत कम लोग सपने में भी सोच सकते थे, पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा और उनका ग्रुप आठ चयनित जत्थों में शामिल था, जिसमें कुल 200 प्रतिभागी थे.

मोदी आर्काइव के अनुसार, “पंद्रह दिनों की यह यात्रा खड़ी चढ़ाई, कठोर मौसम और हर कदम पर चुनौती देने वाली ऊंचाई के साथ शुरू हुई. हालांकि घोड़े उपलब्ध थे, फिर भी Prime Minister मोदी ने पैदल चलना चुना और अक्सर हर पड़ाव पर दूसरों से पहले पहुंच गए. उनके शांत धैर्य और अडिग संकल्प ने ग्रुप को प्रेरित किया और विपरीत परिस्थितियों में धैर्य का जीवंत उदाहरण बन गए.”

इस असाधारण यात्रा के बारे में और जानकारी देते हुए मोदी आर्काइव ने कहा कि जब ग्रुप यात्रा के सबसे ऊंचे और दुर्गम पॉइंट में से एक डोलमा दर्रे पर पहुंचा तो ग्रुप को एक संकट का सामना करना पड़ा, क्योंकि वे पूजा के लिए एक दीया भूल गए थे. लेकिन शांत और साधन संपन्न मोदी ने अपने हाथों से एक दीया जलाया और तीर्थयात्री भगवान शंकर की आरती में शामिल हो गए.

यहां, Prime Minister मोदी को लोगों की अत्यधिक गरीबी और कष्टों की झलक मिली और वे गहराई से प्रभावित हुए एक ऐसा अनुभव जो उन्होंने आरएसएस प्रचारक के रूप में अपनी सेवा के दौरान पहले भी देखा था.

मोदी आर्काइव के अनुसार, “यात्रा के अंत तक इस यात्रा ने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक हर सीमा का परीक्षण कर लिया था, लेकिन इसने एक ऐसा सत्य भी उजागर किया जो मोदी के जीवन भर गूंजता रहेगा: सच्चा नेतृत्व तब उभरता है जब यात्रा सबसे कठिन होती है, दांव सबसे ऊंचे होते हैं, और जब व्यक्ति स्वयं के बजाय सेवा को चुनता है.”

कैलाश पर्वत की इस असाधारण यात्रा ने Prime Minister मोदी के विचारों को आकार दिया और दैनिक जीवन में ‘सेवा’ के महत्व को पुष्ट किया.

Prime Minister मोदी के 75वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में दिया गया मंत्र ‘सेवा ही संकल्प है, India प्रथम ही प्रेरणा है’ वर्षों पहले प्राप्त इसी सीख का एक ज्वलंत प्रतिबिंब है.

डीकेपी/