नई दिल्ली, 17 नवंबर . दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने पार्टी और पद से इस्तीफा दे दिया है. कैलाश गहलोत के इस्तीफे और पार्टी छोड़ने पर भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने प्रतिक्रिया दी है.
भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का इस्तीफा इस बात का प्रमाण है कि ‘आप’ पार्टी अब बिखर गई है. आम आदमी पार्टी अब एक डूबता हुआ जहाज है.
कैलाश गहलोत का इस्तीफा आम आदमी पार्टी के ताबूत में आखिरी कील का काम करेगा. जो आरोप इस्तीफा देते समय कैलाश गहलोत ने लगाए हैं, आज उसको पूरी दिल्ली कह रही है. लेकिन अब पार्टी के अंदर से भी जब यह आवाज उठ रही है कि शीश महल, जो पूरी तरह से केजरीवाल के दोहरे चरित्र को उजागर करता है, को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं.
जिस मूल्य को लेकर यह पार्टी बनाई गई थी, यह पार्टी उस रास्ते से भटक गई है. इसलिए इसका अस्तित्व समाप्त होना निश्चित है. भ्रष्टाचार में डूबी पार्टी के मंत्री अगर पार्टी के पद से इस्तीफा देते हैं और पार्टी छोड़ते हैं, तो इसका मतलब साफ है कि पार्टी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है.
दिल्ली के दो करोड़ लोगों का भविष्य ऐसी पार्टी के हाथ में नहीं दिया जा सकता है. यमुना का मैलापन अब पार्टी के अंदर से यह आवाज उठा रहा है कि अरविंद केजरीवाल आपने कहा था कि दो 2025 में चुनाव में वोट मांगने तब जाऊंगा जब यमुना को साफ कर दूंगा. लेकिन यमुना तो एक गंदे नाले के रूप में परिवर्तित है. अगर आपके मंत्री ने यह सवाल किए हैं तो आम आदमी पार्टी चुप क्यों है?
बता दें कि दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को इस आशय का एक पत्र लिखते हुए पार्टी व सरकार पर कई आरोप भी लगाए.
कैलाश गहलोत ने पत्र में आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी अपना समय केंद्र से विवाद करने में ही व्यतीत करती रहती है. यह हर समय केंद्र से आरोप-प्रत्यारोप में उलझी रहती है. इससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं. पार्टी की रुचि जनता से किए वादों को पूरा करने में नहीं है. पार्टी अपना समय केवल केंद्र सरकार से वाद-विवाद करने में ही नष्ट करती रहती है. केंद्र सरकार से तालमेल न होने के कारण जनहित के कार्य नहीं हो पाते. जनता को जो सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए, वह उसे नहीं मिल पाती.
गहलोत ने पत्र में यमुना सफाई का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि जनता से वादा करने के बावजूद दस साल में भी हमारी सरकार इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठा सकी. दिल्ली में यमुना की हालत बद से बदतर होती गई. दस सालों में प्रदूषण कम होने की बजाय बढ़ता गया. हम जनता से किए वादे को पूरा नहीं कर पाए.
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एफजेड/