रियाद, 21 अक्टूबर . सऊदी अरब Government ने दशकों पुराने कफाला सिस्टम (Kafala System) को आधिकारिक रूप से समाप्त कर दिया है, जिसे लंबे समय से “आधुनिक गुलामी की जंजीर” कहा जाता था. यह कदम देश में प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों और श्रम सुधारों की दिशा में ऐतिहासिक माना जा रहा है. जून 2025 में लिए गए इस फैसले को अब पूरी तरह लागू कर दिया गया है, जिससे लगभग 1.3 करोड़ विदेशी कामगारों को राहत मिलने की उम्मीद है, जिनमें बड़ी संख्या भारतीय, बांग्लादेशी और फिलीपीनी नागरिकों की है.
🔹 क्या था कफाला सिस्टम?
‘कफाला’ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘प्रायोजन या स्पॉन्सरशिप’. यह प्रणाली 1950 के दशक से खाड़ी देशों—सऊदी अरब, कतर, कुवैत और जॉर्डन—में लागू थी. इसके तहत कोई भी विदेशी कामगार तभी नौकरी कर सकता था, जब वह किसी स्थानीय नियोक्ता (कफील) की स्पॉन्सरशिप में हो.
इस सिस्टम में नियोक्ता को अपने कर्मचारी पर लगभग पूरा नियंत्रण होता था.
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कर्मचारी अपने कफील की अनुमति के बिना नौकरी नहीं बदल सकता था.
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देश छोड़ने या कानूनी मदद लेने की भी उसे आज़ादी नहीं थी.
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कई मामलों में नियोक्ता पासपोर्ट जब्त कर लेते थे और वेतन रोक लेते थे.
शुरुआत में यह व्यवस्था प्रवासी कामगारों की सुरक्षा और सुविधा के लिए लाई गई थी, लेकिन धीरे-धीरे यह श्रमिक शोषण का जरिया बन गई.
🔹 कैसे हुआ शोषण
कफाला सिस्टम के तहत श्रमिक अपने नियोक्ताओं की पूर्ण मर्जी पर निर्भर थे.
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कई बार उन्हें कम या बिना वेतन के लंबे समय तक काम करना पड़ता था.
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घर वापसी की अनुमति भी नियोक्ता के हाथ में होती थी.
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किसी प्रकार का दुर्व्यवहार या शिकायत दर्ज कराना भी बेहद कठिन था.
मानवाधिकार संगठनों ने इसे वर्षों तक “आधुनिक युग की गुलामी” करार दिया.
🔹 Vision 2030 के तहत सुधार
सऊदी अरब ने अपने Vision 2030 कार्यक्रम के तहत श्रम नीतियों में बड़े बदलाव किए हैं. अब देश में कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड एम्प्लॉयमेंट सिस्टम लागू किया गया है.
नए सिस्टम के तहत –
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विदेशी कर्मचारी अब अपने नियोक्ता की अनुमति के बिना नई कंपनी में नौकरी बदल सकते हैं.
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कामगारों को बेहतर श्रम अधिकार, कानूनी सहायता और गतिशीलता की स्वतंत्रता मिलेगी.
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श्रमिक अब दुर्व्यवहार की स्थिति में Governmentी विभागों से सीधे संपर्क कर सकते हैं.
सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार, यह सुधार देश के श्रम बाजार को अधिक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बनाएगा.
🔹 कफाला सिस्टम का अंत — एक ऐतिहासिक फैसला
कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा है कि यह फैसला लाखों प्रवासी श्रमिकों के जीवन में सम्मान और स्वतंत्रता लौटाने वाला साबित होगा.
अब सऊदी अरब में नौकरी करना पहले की तुलना में अधिक आसान और न्यायसंगत हो गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव देश की वैश्विक छवि सुधारने और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा.