‘आईएमसी 2025’ घरेलू उद्योगों और भारतीय उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण अवसर करेगा प्रदान: ज्योतिरादित्य सिंधिया

नई दिल्ली, 27 मई . केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दावे के साथ कहा है कि इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2025 घरेलू उद्योगों, वैश्विक निर्माताओं, अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और भारतीय उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा.

उनके अनुसार, इसके जरिए उन्हें पिछले दशक में भारत द्वारा निर्मित क्षमताओं को प्रदर्शित करने में मदद मिलेगी.

केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम की थीम ‘इनोवेट टू ट्रांसफॉर्म’ पर कहा कि इनोवेशन हमेशा से भारत की परिवर्तन यात्रा के केंद्र में रहा है.

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इनोवेशन राष्ट्र की प्रगति के मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है.

इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 का 9वां संस्करण 8-11 अक्टूबर को यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा.

इस वर्ष आईएमसी 2025 की थीम भविष्य को आकार देने के साथ-साथ इंडस्ट्री और इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर समाज और सस्टेनेबिलिटी तक अलग-अलग क्षेत्रों में वास्तविक परिवर्तनकारी बदलाव को लाने में इनोवेशन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है.

आईएमसी 2025, उद्योग जगत के नेताओं, स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजी के प्रति उत्साही लोगों को एक साथ एक मंच पर लाता है और ऐसे समाधान बनाने का आह्वान करता है, जो समावेशी विकास के अगले युग और डिजिटल एडवांसमेंट में भारत के बढ़ते नेतृत्व को शक्ति प्रदान करेंगे.

डीसीसी के अध्यक्ष और सचिव (दूरसंचार) डॉ. नीरज मित्तल ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में टेक्नोलॉजी एक प्रेरक शक्ति होगी.

दूरसंचार विभाग (डीओटी) और सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) द्वारा आयोजित, आईएमसी 2025 में 150 से अधिक देशों से 1.5 लाख से अधिक आगंतुकों के आने की उम्मीद है, जिसमें 400 से अधिक प्रदर्शक और भागीदार और 7,000 से अधिक वैश्विक प्रतिनिधि शामिल होंगे.

2023 में शुरू किए गए प्रमुख स्टार्टअप कार्यक्रम, एस्पायर में 500 से अधिक स्टार्टअप शामिल होंगे और उन्हें मेंटरशिप, लाइव पिचिंग सेशन और नेटवर्किंग के लिए 300 से अधिक निवेशकों, इनक्यूबेटर, एक्सेलेरेटर और वीसी से जोड़ा जाएगा.

एशिया के सबसे बड़े डिजिटल टेक्नोलॉजी मंच आईएमसी में 100 से अधिक सम्मेलन सत्रों में 800 से अधिक वक्ता भाग लेंगे.

एसकेटी/केआर