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बरेली, 18 नवंबर . दिल्ली विस्फोट के कुछ दिनों बाद कार चालक डॉ. उमर मोहम्मद का एक स्व-रिकॉर्ड वीडियो सामने आया है, जिसमें उसने अपनी योजना को सही ठहराने की कोशिश की और इसे ‘शहादत अभियान’ बताया. इस पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि यह इस्लाम के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और इसका कोई समर्थन नहीं कर सकता.
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने Tuesday को से बातचीत में कहा कि इस तरह का औचित्य इस्लाम की मूल मान्यताओं के विरुद्ध है.
मौलाना शहाबुद्दीन ने से बातचीत करते हुए कहा कि आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद का आतंकवाद से संबंध था और उसने आत्महत्या कर ली, वह इस मामले में आरोपी है. जिस तरह से उनका वीडियो सामने आया है और जिस तरह से उसने आत्मघाती बम विस्फोट को सही ठहराने की कोशिश की है, वह इस्लाम की मूल मान्यताओं के विरुद्ध है. यह पूरी तरह से गलत है और कोई भी इसका समर्थन नहीं कर सकता.
उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद इस्लाम का हिस्सा नहीं है. इस्लाम हत्या की इजाजत नहीं देता. कुरान कहता है कि एक व्यक्ति की हत्या पूरी इंसानियत की हत्या के बराबर है. डॉ. उमर ने इस सिद्धांत का उल्लंघन किया है. उसने जो किया है, वह इस्लाम की मूल मान्यताओं के विरुद्ध है. इस्लाम किसी की जान लेने से भी मना करता है. यह किसी को भी दूसरों की हत्या करने, खुद की हत्या करने या ऐसे कार्यों को भड़काने की इजाजत नहीं देता. इस्लाम मानवता और शांति की बात करता है. इस्लाम में ऐसा कृत्य ‘हराम’ है.
इससे पहले वीडियो में आतंकी डॉ. उमर अपनी आतंकी योजना को धार्मिक रूप देने की कोशिश करता है. उसे यह कहते हुए सुना जा सकता है कि आत्मघाती बम विस्फोट की अवधारणा सबसे गलत समझी जाने वाली अवधारणाओं में से एक है, यह एक शहादत अभियान है, जैसा कि इस्लाम में जाना जाता है. शहादत अभियान के कई विरोधाभास और तर्क दिए गए हैं.
उमर ने कहा कि शहादत अभियान यह है “जब कोई व्यक्ति यह मान लेता है कि वह निश्चित रूप से किसी खास जगह और समय पर मरने वाला है.” उसके वीडियो से आत्मघाती हमले की उसकी मानसिकता का पता चलता है, जिससे पता चलता है कि उसने बड़े पैमाने पर आतंकी हमले की योजना बनाई थी.
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एएसएच/डीकेपी