नई दिल्ली, 30 अप्रैल . एक नए शोध से यह बात सामने आई है कि दर्द निवारक और एनेस्थेटिक (बेहोशी की दवा) के रूप में उपयोग किए जाने वाली यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा स्वीकृत सिंथेटिक फेनेटाइल के मानव शरीर में जाने से मस्तिष्क को बड़ी क्षति हो सकती है, जो शायद कभी ठीक न हो.
फेनेटाइल सस्ता है और यह आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है. यह हेरोइन की तुलना में 50 गुना अधिक शक्तिशाली है. बीएमजे केस रिपोर्ट्स पत्रिका में डॉक्टरों ने 47 वर्षीय एक व्यक्ति का इलाज करने के बाद चेतावनी जारी की है. दवा सूंघने के बाद व्यक्ति अपने होटल के कमरे में बेहोश पाया गया.
ओरेगॉन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के छात्र, मुख्य लेखक क्रिस ईडन ने कहा, ”हम अच्छी तरह से जानते हैं कि क्लासिक ओपियेट के दुष्प्रभावों में रेस्पिरेटरी डिप्रेशन, चेतना की हानि शामिल है.
उन्होंने आगे कहा, “लेकिन हम यह नहीं जानते थे कि इससे मस्तिष्क को अपरिवर्तनीय क्षति हो सकती है और यह मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है, जैसा कि इस मामले में हुआ.”
एक मध्यम आयु वर्ग के व्यक्ति में फेनेटाइल सूंघने से ”टॉक्सिक ल्यूकोएन्सेफैलोपैथी” डाग्नोस नामक बीमारी हुई, जो मस्तिष्क में सूजन और क्षति का कारण बनी. इससे बेहोशी आ गई. मस्तिष्क में नुकसान के साथ मृत्यु भी हो सकती है.
यह स्थिति विभिन्न संकेतों और लक्षणों में प्रकट होती है, जिनमें से सबसे स्पष्ट हैं न्यूरोलॉजिकल और व्यवहारिक परिवर्तन, जो हल्के भ्रम से लेकर स्टूपर, कोमा और मृत्यु तक ले जा सकती है.
हालांकि इस बीमारी से कुछ लोग पूरी तरह ठीक हो जाएंगे जबकि दूसरों की स्थिति धीरे-धीरे खराब हो सकती है.
इस व्यक्ति के मामले में मस्तिष्क के स्कैन से पता चला कि उसके ब्रेन के सेरिबैलम भाग में सूजन और चोट है.
वह आदमी 18 दिनों तक बिस्तर पर ही पड़ा रहा और उसे ट्यूब के माध्यम से भोजन दिया गया. डॉक्टरों ने इलाज के लिए कई अलग-अलग दवाएं दी.
26 दिनों बाद उसका रिहैबिलिटेशन हुआ और एक और महीने के बाद वे घर लौट आया. हालांकि बाह्य रोगी फिजियोथेरेपी और व्यावसायिक चिकित्सा जारी रही.
अध्ययन में बताया गया कि उसे पूरी तरह से ठीक होने और पूर्णकालिक काम पर लौटने में लगभग एक साल का वक्त लग जाएगा.
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एमकेएस/