झारखंड के छह मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर रहे, भटकते रहे मरीज

रांची, 15 अक्टूबर . कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना के विरोध में रांची स्थित रिम्स समेत झारखंड के सभी छह मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर मंगलवार को हड़ताल पर रहे. इससे मेडिकल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं और मरीज इलाज के लिए भटकते रहे.

रिम्स के विभिन्न विभागों और सुपरस्पेशियलिटी डिपार्टमेंट में हर रोज औसतन 1,500 से अधिक मरीज विभिन्न ओपीडी में आते हैं. इसके अलावा रिम्स में हर रोज औसतन 50-60 सर्जरी की जाती है. ऐसे तमाम मरीज इलाज के बिना लौट गए.

रिम्स के मेडिसीन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. संजय कुमार सिंह ने बताया कि रिम्स के मेडिसिन डिपार्टमेंट में आम तौर पर 300 से ज्यादा मरीज आते हैं, पर हड़ताल की वजह से मरीज नहीं आए. जिनका ऑपरेशन होना था, वह भी टल गया.

जूनियर डॉक्टर सुबह छह बजे से भूख हड़ताल पर बैठ गए थे. उन्होंने अपनी मांगों से जुड़ी तख्तियां लेकर प्रशासनिक बिल्डिंग के समक्ष नारेबाजी भी की. हजारीबाग के सिमरातरी गांव से इलाज के लिए आए रोहन महतो ने बताया कि वह अपनी बीमार पत्नी को दिखाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन यहां कोई डॉक्टर नहीं मिला. ऐसे में उन्हें किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में जाना पड़ेगा.

धनबाद में भी मरीजों को कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ी. यहां 1,200 से ज्यादा मरीज इलाज के अभाव में अस्पताल से लौट गए. यहां जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी ठप कर रखी थी. धनबाद की तरह जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं और मरीजों को बिना इलाज के वापस लौटना पड़ा.

एसएनसी/एबीएम