हिमाचल में चल रहे नेशनल हाईवे के काम 2027 में होंगे पूरे : जेपी नड्डा

बिलासपुर, 5 जुलाई . भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा प्रदेश में 25 नेशनल हाईवे का काम चल रहा है, जिनकी कुल लंबाई 2592 किलोमीटर है. इसमें से 785 किलोमीटर एनएचएआई, 1238 किलोमीटर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और 569 किलोमीटर सड़क सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाए जा रहे हैं. नड्डा ने इन कार्यों के लिए प्रधानमंत्री मोदी एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का धन्यवाद किया.

जेपी नड्डा ने बताया कि एनएचएआई के अंतर्गत चार बड़े कार्य चल रहे हैं, जिसमें से अधिकतम कार्य 2026 एवं 2027 तक पूर्ण हो जाएंगे और बाकी 2028 में होंगे. उन्होंने चार कार्यों का विवरण देते हुए कहा कि कीरतपुर मनाली कॉरिडोर, जिसके लिए 7667 करोड़ आवंटित हैं, जिसमें 12 टनल 11.51 किलोमीटर का निर्माण होगा. कीरतपुर मनाली, कुल आवंटन 9452 करोड़, 28 टनल जिनकी लंबाई 41 किलोमीटर होगी. शिमला मटौर, 10208 करोड़ का आवंटन, जिसमें 15 टनल कुल टनल लंबाई 13.41 होगी. पठानकोट मंडी, कुल आवंटन 1088 करोड़, 13 टनल बनेगी, जिनकी कुल लंबाई 10 किलोमीटर होगी. यह लंबाई केवल टनल से संबंधित है.

उन्होंने कहा कि वह दो विषयों के बारे में Chief Minister से बात भी करेंगे और चिट्ठी भी लिखेंगे. एक विषय, जितने भी एनएचएआई द्वारा काम चल रहे हैं, उनको उद्योग से बाहर किया जाए, क्योंकि उन्हें राज्य प्रदूषण बोर्ड की एनओसी हर साल लेनी पड़ती है, जिसके कारण काम धीमी गति से चल रहा है. इसके अंतर्गत क्रेशर तारकोल पिघलाने वाले यंत्र हॉट मिक्सर आते हैं. यह सब अस्थायी काम है, कुछ समय बाद बंद हो जाते हैं.

दूसरा विषय ड्रेजिंग का है, ब्यास नदी के इर्द-गिर्द इस विषय के बारे में काफी चिंता करने की आवश्यकता है और प्रदेश सरकार को इसके बारे जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए. सुमदो काजा सड़क की सैंक्शन 2024 में मिल गई थी और यह काम बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन कर रही है पर State government अभी तक इसकी फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं दे पा रही है. अगर यह क्लीयरेंस जल्दी आ जाए तो काम जल्दी चलेगा.

नड्डा ने बिलासपुर को गुड न्यूज देते हुए कहा कि घुमारवीं शाहतलाई रोड को 35 करोड रुपए आवंटित किए गए हैं और 2026 तक यह सड़क अपग्रेड कर दी जाएगी. यह कार्य सीआईएफ द्वारा करवाया जाएगा और जल्द इसका काम भी शुरू हो जाएगा. जिस सरकार में रक्षक ही भक्षक उनसे क्या आशा? केंद्रीय मंत्री ने राज्य मंत्री और एनएचएआई के बीच विवाद पर यह टिप्पणी की. Himachal Pradesh देवभूमि है और उसमें भी इस प्रकार की घटना चिंताजनक एवं दुख देने वाली है. Himachal Pradesh में आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि कानून व्यवस्था किसी ने अपने हाथ में लगी हो.

नड्डा ने कहा कि Himachal Pradesh में एक वातावरण बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि केंद्र सरकार हिमाचल बारे ध्यान नहीं दे रही है पर गलती तो State government की है, जो केंद्र से आए पैसे को खर्च नहीं कर पा रही है. 2021 से 2025 तक स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ही आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फास्ट्रक्चर मिशन के तहत 360 करोड़ 11 लाख रुपए प्रदान किए गए हैं, जिसमें से प्रदेश सरकार केवल 78 करोड़ ही खर्च कर पाई है. इस योजना के तहत प्रदेश में 73 ब्लाक लेबल पब्लिक हेल्थ यूनिट बनाए जाने प्रस्तावित हैं, जिनमें से छह ही बन पाए हैं, जबकि 14 के टेंडर हुए हैं. आठ क्रिटिकल केयर यूनिट स्थापित होने हैं, जिसमें रोहडू, रिकांगपिओ, घवांडल, टांडा, मंडी अस्पताल व पांवटा साहिब शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश को 15वें वित्त आयोग से 521 करोड़ रुपए दिए गए हैं, जिसमें से केवल 128 करोड़ 62 लाख रुपये ही खर्च हुए हैं. उन्होंने कहा कि 25 मई को Chief Minister उनसे मिलने आए थे. उन्होंने जाइका से पैसा दिलवाने का आग्रह किया था, जिस पर 30 जून को 1138 करोड़ रुपये केंद्र ने मंजूर किए. इसमें से प्रदेश सरकार को 1024 करोड़ रुपये ग्रांट इन एड दिए गए हैं जबकि शेष राशि सस्ते लोन पर उपलब्ध करवाई गई है.

नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश को प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तीन साल में एसडीआरएफ के तहत 1736 करोड़, एनडीआरएफ के तहत 1071 करोड़ और स्टेट डिजास्टर मेटिगेशन फंड के तहत 339 करोड़ रुपए प्रदान किए हैं. हाल ही में गृह मंत्री ने पोस्ट डिजास्टर रिहेब्लिटेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन फंड (पीडीआरआरएफ) के तहत 2006 करोड़ रुपये दिए हैं.

डीकेपी/जीकेटी