नई दिल्ली, 7 मई . केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि आपदाओं की दौरान बेहतर तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को अग्नि सुरक्षा उपायों के बारे में संवेदनशील बनाने की जरूरत है.
जेपी नड्डा दिल्ली में ‘स्वास्थ्य क्षेत्र की आपदा तैयारी और प्रतिक्रिया’ और ‘स्वास्थ्य सेवाओं में अग्नि सुरक्षा’ विषय पर आयोजित दूसरी राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन कर रहे थे.
स्वास्थ्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को आग और आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षित और जागरूक किया जाना चाहिए.
उन्होंने बताया कि अस्पतालों में भारी मशीनें और ऑक्सीजन व अन्य रसायन होते हैं जो एक ओर जिंदगियां बचाते हैं लेकिन दूसरी ओर बहुत जल्दी आग पकड़ सकते हैं. इसलिए इनसे सावधानी से निपटना बहुत जरूरी है.
नड्डा ने चेताया कि यदि हम आपदा और आग की तैयारी को लेकर लापरवाह रहते हैं तो यह धीरे-धीरे अनदेखी और अंततः दुर्घटना का कारण बनती है.
यह कार्यशाला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की आपदा प्रबंधन इकाई द्वारा ‘फायर सेफ्टी वीक’ के अंतर्गत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा नोडल अधिकारियों के सहयोग से आयोजित की गई थी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमें आपदाओं से पहले की तैयारियों पर ध्यान देना चाहिए ताकि स्वास्थ्य सेवाएं बिना रुके, पूरी गुणवत्ता के साथ मिलती रहें और हम किसी भी अनहोनी के लिए तैयार रहें.
उन्होंने कहा कि केवल ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारी ही नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले कर्मचारी और स्वास्थ्य कर्मी भी इस जिम्मेदारी को समझें और एक-दूसरे का आत्मविश्वास बढ़ाएं.
नड्डा ने कहा कि यह कार्यशाला केवल सरकारी अस्पतालों के लिए नहीं है, बल्कि निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम्स, प्रसव केंद्रों, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और अन्य सभी स्वास्थ्य संस्थानों के लिए भी है.
स्वास्थ्य सचिव पुन्या सलीला श्रीवास्तव ने कहा कि हमें स्वास्थ्य संस्थानों में आग से बचाव और आपदा से निपटने की तैयारी की आदत डालनी चाहिए और समय-समय पर उसकी योजना बनाकर अभ्यास भी करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आपदा के समय अस्पताल ही लोगों के लिए आशा की किरण होते हैं, इसलिए अस्पतालों की आपदा प्रबंधन व्यवस्था बेहद महत्वपूर्ण है.
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