संयुक्त किसान मोर्चा की ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के साथ सकारात्मक वार्ता, आगे की बैठकों का शेड्यूल तय

ग्रेटर नोएडा, 26 मार्च . संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से जुड़े 14 किसान संगठनों के नेताओं और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच 26 मार्च को हुई वार्ता सकारात्मक रही.

बैठक में किसान संगठनों द्वारा उठाए गए कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें 10 प्रतिशत प्लॉट का आवंटन और नए भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 के लाभों को लागू करने जैसे विषय शामिल थे. प्राधिकरण ने इन मांगों को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया और भरोसा दिलाया कि जल्द ही उचित निर्णय लिए जाएंगे.

बैठक की अध्यक्षता प्राधिकरण के सीईओ एन.जी. रवि कुमार ने की, जिसमें दो एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव और सुनील कुमार, साथ ही अन्य ओएसडी मौजूद रहे.

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि किसानों की कई मांगों को तुरंत पूरा करने पर सहमति बनी, जबकि कुछ अन्य मुद्दों को प्राधिकरण बोर्ड में पास कराकर जल्द ही हल करने का आश्वासन दिया गया. प्राधिकरण के अधिकारियों ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और समाधान के लिए ठोस कदम उठाने का भरोसा दिया.

अब गुरुवार को जिलाधिकारी के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें विभिन्न परियोजनाओं से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी. इन परियोजनाओं में एनटीपीसी, यूपीसीडा, ईस्टर्न पेरिफेरल परियोजना, रेलवे, अंसल बिल्डर, हाइटेक बिल्डर, जेपी बिल्डर, शिव नाडार, अंबुजा बिरला सीमेंट, सेतु निगम, बिजली एवं पाइपलाइन परियोजना, जेवर एयरपोर्ट, डीएमआईसी और डीएफसीसी जैसी बड़ी परियोजनाएं शामिल हैं. बैठक के दौरान इन परियोजनाओं के सक्षम अधिकारियों से बातचीत का समय भी तय किया जाएगा.

इसके बाद 28 मार्च को प्रमुख सचिव उद्योग के साथ संयुक्त किसान मोर्चा की वार्ता होगी, जिसमें किसान संगठनों की लंबित मांगों पर चर्चा होगी और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की योजना बनाई जाएगी.

संयुक्त किसान मोर्चा की इस वार्ता में शामिल होने वाले प्रमुख किसान संगठनों में भारतीय किसान यूनियन टिकैत, भाकियू महात्मा टिकैत, भाकियू भानु, भाकियू मंच, भाकियू अजगर, भाकियू संपूर्ण भारत, भाकियू कृषक शक्ति, भाकियू अखंड, भाकियू एकता, किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा, किसान एकता महासंघ, किसान बेरोजगार सभा और जय जवान जय किसान मोर्चा आदि शामिल थे.

इस बैठक के सकारात्मक नतीजों से किसानों को उम्मीद है कि उनकी मांगों को लेकर सरकार और प्राधिकरण जल्द ही आवश्यक निर्णय लेंगे, जिससे क्षेत्र के किसानों को उनके अधिकारों और लाभों का उचित हक मिल सकेगा.

पीकेटी/एकेजे