जोधपुर, 17 अक्टूबर . राजस्थान सरकार के कानून मंत्री जोगाराम पटेल गुरुवार को जोधपुर दौरे पर रहे. इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने सरकारी अध्यापकों के तबादले में सरकार के यूटर्न के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
मंत्री जोगाराम पटेल ने पत्रकारों को बताया कि यू टर्न को कुछ गलत अर्थों में परिभाषित किया गया है. जहां तक नगर पालिकाओं में सात सदस्यों की नियुक्ति का प्रश्न था, इसको लेकर नियुक्ति हुई थी और आदेश निकाले गए थे, लेकिन उसमें एक गलती हो गई थी, जैसे ही उसकी जानकारी मिली, उसको रोका गया है, ना कि कैंसिल किया गया है.
अध्यापकों के ट्रांसफर के आदेश को रोकने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में हर कार्यकर्ता और पदाधिकारियों को महत्व दिया जाता है. ट्रांसफर के उपरांत हमारी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता द्वारा आपत्ति जताई गई थी, ऐसे में उनकी बातों को महत्व दिया गया और कुछ दिनों बाद अध्यापकों के ट्रांसफर के आदेश को रोक दिया गया. कुछ दिनों में हम विधिवत इस सूची को दोबारा जारी करेंगे. इस फैसले को यू-टर्न कहना ठीक नहीं है.
बता दें कि निर्वाचन आयोग द्वारा राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के ठीक पहले शिक्षा विभाग की ओर से 40 प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के तबादले कर दिए गए थे. इसमें 39 तबादले अकेले दौसा जिले में किए गए, जहां उपचुनाव होने हैं. ऐसे में ट्रांसफर को लेकर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने लगे.
वहीं दूसरी तरफ राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी मीणा ने भी इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को पत्र लिखा. उन्होंने ट्रांसफर लिस्ट में एससी-एसटी वर्ग के शिक्षकों को 500 किलोमीटर से अधिक दूरी पर तबादले का, जबकि जाति विशेष के लिए कृपा बरतने का आरोप लगाया. उन्होंने लिस्ट को तुरंत निरस्त करने को कहा.
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