वित्त वर्ष 2025 में जीसीसी में 40 प्रतिशत बढ़ेंगे फ्रेशर्स के लिए नौकरियों के अवसर

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर . ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) में पिछले वर्ष की तुलना में नए लोगों की भर्ती में 40 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है.

टेक स्टाफिंग और सॉल्यूशन प्रोवाइडर, टीमलीज डिजिटल की एक रिपोर्ट आई है, जिमसें आगामी वित्त वर्ष 2025 में हायरिंग ट्रेंड को लेकर लेटेस्ट जानकारियां दी गई हैं.

इसमें दिखाया गया कि जीसीसी एंट्री लेवल कैंडिडेट्स को इन-डिमांड स्किल के लिए इंडस्ट्री स्टैंडर्ड से 30 प्रतिशत अधिक सैलरी ऑफर करते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जीसीसी के बाद आईटी सर्विस सेक्टर में भी फ्रेशर्स की भर्ती में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है. इन भर्तियों में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटा इंजीनियरिंग और क्लाउड टेक्नोलॉजी जैसी स्किल को लेकर मांग रहेगी.

रिपोर्ट में अलग-अलग एक्सपीरियंस लेवल पर मांग में वृद्धि, प्रभावशाली बाजार कारकों और निरंतर विकसित हो रही टेक इंडस्ट्री में स्किल डेवलपमेंट को लेकर जानकारी दी गई है.

टीमलीज डिजिटल की सीईओ नीती शर्मा ने कहा, “टेक इंडस्ट्री में तेजी से बदलाव हो रहा है. आगे बने रहने के लिए कंपनियों को अपनी टैलेंट स्ट्रैटेजी को तकनीकी प्रगति जैसे एआई और क्लाउड कंप्यूटिंग से जोड़ना होगा.”

उन्होंने कहा, “अपस्किलिंग कार्यक्रमों में निवेश करना एक विकल्प नहीं है, बल्कि एक जरूरत है. अपस्किलिंग कार्यक्रमों में निवेश करना पेशेवरों को इस गतिशील माहौल में प्रतिस्पर्धी बने रहने में सक्षम बनाता है. आने वाले वर्षों में विकास और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण होगा.”

इसके अलावा, रिपोर्ट से पता चला है कि मिड-लेवल भूमिकाओं ने स्थिरता का प्रदर्शन किया है. इन भूमिकाओं में प्रोजेक्ट मैनेजर, डेटा साइंटिस्ट और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की मांग बाजार की जरूरत को दर्शाती है.

इन भूमिकाओं को लेकर वेतन में वित्त वर्ष 2024 की तुलना में 7.89 प्रतिशत से 10.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है.

सीनियर मैनेजमेंट भूमिकाओं को लेकर भी पिछले वर्ष की तुलना में मांग में 21 प्रतिशत की तेजी देखी गई है. डेटा इंजीनियरिंग और प्रोडक्ट मैनेजमेंट भूमिकाओं की भी जरूरत बनी हुई है. इन भूमिकाओं को लेकर वेतन वृद्धि 6.54 प्रतिशत से 10.8 प्रतिशत के बीच देखी गई है.

रिपोर्ट में डेटा से जुड़ी भूमिकाओं की भी मांग बढ़ने की जानकारी दी गई है, जो एआई, मशीन लर्निंग और ऑटोमेशन स्किल से जुड़ी हैं. यह ट्रेंड डेटा साइंटिस्ट की नौकरियों के बढ़ने का संकेत माना गया है.

एसकेटी/एबीएम