रांची, 21 अक्टूबर . बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया ब्लॉक में मचे घमासान के बीच Jharkhand मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने नाराजगी जाहिर की है. झामुमो ने छह सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया है.
पार्टी के प्रवक्ता मनोज कुमार पांडे ने से कहा कि यह फैसला मजबूरी में लेना पड़ा, क्योंकि हम गठबंधन से बाहर नहीं जाना चाहते थे, लेकिन हमारे साथ Political छल हुआ.
मनोज पांडे ने कहा, “कहीं न कहीं भ्रम की स्थिति पैदा कर दी गई थी, जिससे हम हतप्रभ हैं. हमने हरसंभव प्रयास किया कि गठबंधन बना रहे, लेकिन दुर्भाग्य से हम अपने प्रयासों में सफल नहीं हो सके.”
उन्होंने इसे दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया और कहा कि इस कदम का इंडिया ब्लॉक पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है.
पांडे ने कहा कि झामुमो की शुरू से यही इच्छा थी कि वह गठबंधन के साथ रहे. उन्होंने कहा, “हमें गठबंधन में रहने का भरोसा दिलाया गया था. सीटें देने का वादा किया गया था, लेकिन आखिरी समय तक भ्रम की स्थिति बनी रही और किसी ने स्पष्टता नहीं दी.”
झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि यह समीक्षा करने का समय है कि क्या गठबंधन इसी तरह आगे बढ़ सकता है. पांडे ने तंज कसते हुए कहा, “हमने कोई कसर नहीं छोड़ी गठबंधन साथियों को साथ लेकर चलने में, लेकिन एकतरफा प्यार कब तक चलेगा?”
उन्होंने बताया कि झामुमो ने हमेशा गठबंधन धर्म निभाया है. पिछली बार जब राजद के विधायक जीते, हमने उन्हें मंत्री बनाया. इस बार भी हमने मंत्री पद दिया, लेकिन आज हमारे साथ जो व्यवहार हुआ है, वह अनुचित है.
मनोज पांडे ने कहा कि झामुमो के स्टार प्रचारकों की बदौलत ही कई नेता विधानसभा तक पहुंचे और अब वही लोग हमें नजरअंदाज कर रहे हैं.
उन्होंने गठबंधन टूटने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को सबसे ज्यादा जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि इस पूरे विवाद में आरजेडी की भूमिका सबसे ज्यादा दोषपूर्ण रही है. कांग्रेस भी मूकदर्शक बनी रही. कांग्रेस नेताओं को इस पर बोलना चाहिए था, लेकिन उन्होंने चुप्पी साध ली.
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वीकेयू/वीसी