रांची, 15 अप्रैल . भारतीय जनता पार्टी ने रांची में आयोजित झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महाधिवेशन को “परिवार कल्याण अधिवेशन” करार दिया है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि भाजपा लंबे समय से कह रही थी कि झामुमो का अगला अध्यक्ष भी सोरेन परिवार से होगा. पार्टी ने अपने महाधिवेशन में इसी बात पर मुहर लगाई है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास बेहतर अवसर था कि वह अपने दल के किसी समर्पित वरिष्ठ कार्यकर्ता को अध्यक्ष बना सकते थे, लेकिन मुख्यमंत्री पद की बड़ी जिम्मेदारी होने के बावजूद उन्होंने किसी पर विश्वास करना उचित नहीं समझा.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह महाअधिवेशन पूरी तरह से हेमंत सोरेन को महिमामंडित करने पर न्योछावर रहा. सभी वक्ताओं ने झारखंड के विकास पर सार्थक चर्चा करने की जगह सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री की तारीफ के पुल बांधे.
प्रतुल शाहदेव ने झामुमो के महाधिवेशन में झारखंड के मूलभूत मुद्दों को पूरी तरह नजरअंदाज करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, “झारखंड में घुसपैठ बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है. संताल परगना और झारखंड के दूसरे जिलों में डेमोग्राफी बदलती जा रही है. आदिवासियों की जनसंख्या लगातार गिरती जा रही है और मुसलमानों की बढ़ती जा रही है, पर यह अफसोसजनक बात है कि खुद को आदिवासियों की पार्टी कहने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आदिवासियों की घटती आबादी और घुसपैठ पर कोई चर्चा तक नहीं की.”
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चुनाव के दौरान जारी “अधिकार पत्र” में लंबे चौड़े और लुभावने वादे किए थे. इस अधिकार पत्र को किस तरीके से सरकार लागू करेगी, इस पर एक लाइन न प्रस्ताव आया न कोई चर्चा हुई. जनता ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को दोबारा सरकार में आने का अवसर इसी घोषणा पत्र के आधार पर दिया था.
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन कानून के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने प्रस्ताव पारित करके स्पष्ट कर दिया कि उसके लिए उन गरीब मुसलमान का कोई अर्थ नहीं है, जिन्हें इस कानून से शक्तियां मिल रही हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा सिर्फ कुछ उलेमाओं के इशारे पर इसका विरोध करता नजर आया.
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एसएनसी/एबीएम