सांबा में स्थानीय लोगों के लिए वरदान बनी जेएमएम, पुराने कुएं को पुनर्जीवित कर सप्लाई किया जा रहा पानी

सांबा, 7 दिसंबर . जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित उत्तर वहनी गांव का ऐतिहासिक कुआं जिसे महाराजा गुलाब सिंह ने 200 से 250 साल पहले इलाके के लोगों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनवाया था, उसे जल जीवन मिशन योजना के तहत पुनर्जीवित कर दिया गया है. इस कुएं को जल शक्ति विभाग सांबा ने साफ किया और मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया, जिससे अब प्रतिदिन 16 घंटे तक स्वच्छ पानी की आपूर्ति की जा रही है.

इस ऐतिहासिक कुएं का पुनर्निर्माण इलाके में पानी की गंभीर समस्या को दूर करने में मददगार साबित हो रहा है. वर्षों से खराब स्थिति में पड़ा हुआ यह कुआं, अब इलाके के लोगों के लिए एक स्थायी जल स्रोत बन चुका है. स्थानीय लोगों ने इस पहल की सराहना की और जल जीवन मिशन के तहत किए गए इस काम को एक बड़ी सफलता बताया. जल जीवन मिशन योजना का उद्देश्य देशभर के ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है. इस योजना के तहत, इस ऐतिहासिक कुएं की सफाई और मरम्मत के बाद अब इलाके के लोग प्रतिदिन 16 घंटे तक स्वच्छ पानी प्राप्त कर रहे हैं. इससे न केवल उनकी पानी की समस्या हल हुई है, बल्कि अब वे शुद्ध और सुरक्षित पानी का उपयोग कर सकते हैं.

स्थानीय निवासियों का कहना है कि जल जीवन मिशन न केवल जल संकट का समाधान कर रहा है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने में भी मदद कर रहा है. स्थानीय लोगों ने जल जीवन मिशन के तहत किए गए इस काम की सराहना करते हुए केंद्र सरकार और जल शक्ति विभाग के प्रयासों का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल उनके जीवन को बेहतर बना रही है, बल्कि एक स्थायी जल स्रोत भी प्रदान कर रही है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए लाभकारी रहेगा.

स्थानीय निवासी पवन कुमार शर्मा ने को बताया, ” जब महाराजा गुलाब सिंह ने हमारे गांव के मंदिर की स्थापना की, तो यहां पर कोई कुआं नहीं था और पानी की बहुत कमी थी, क्योंकि यह एक पहाड़ी इलाका था. उस समय,इस कुएं का निर्माण करवाया गया था. कुएं का निर्माण 250 से 300 साल पहले किया गया था. जब कुएं में पानी आया, तो वहां मंदिर भी बना और लोगों को पानी की सुविधा भी मिल गई. इस योजना के तहत इस कुएं का पुनर्निर्माण हुआ. इस कुएं की खुदाई की गई और उसे बाहरी गंदगी से बचाने के लिए एक बांध बना दिया गया. अब कुएं से पानी लेने के लिए किसी को बाहर नहीं आना पड़ता. घर-घर नल पहुंच गए हैं और सभी घरों में पानी की आपूर्ति हो रही है. अब यह कुआं पूरी तरह से सुसज्जित है और इसका पानी निरंतर चलता है. यहां जो मोटर लगाई गई थी, वह पुरानी हो गई थी, लेकिन नई मोटर से अब 16 घंटे लगातार पानी चल रहा है. हम इसके लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देते हैं.”

एक अन्य निवासी राजिंदर सिंह ने बताया, “यह इलाका पहाड़ी था. यहां पानी की बहुत कमी थी और यहां के पुराने राजाओं ने यह कुआं और मंदिर बनवाया था. 1980 में ,स्थानीय विभाग ने यहां पर ट्यूबवेल लगाया था, जिससे बाद पानी की स्थिति कुछ सुधरी. फिर जेजेएम योजना के तहत इस कुएं की मरम्मत की गई और पूरी व्यवस्था को सही किया गया. अब यह कुआं पूरी तरह से दुरुस्त है. इस कुएं की साफ-सफाई की गई है और पहले जो यह खुले रूप में था, अब इसे बंद कर दिया गया है ताकि गंदगी न आए. इस कुएं में फिल्टर भी लगाया गया है, जिससे पानी और भी साफ हो गया है. अब यह पानी पाइपलाइन के जरिए पूरे इलाके में पहुंचता है और 16 घंटे तक निरंतर पानी की आपूर्ति होती है. हम जेजेएम योजना के लिए मोदी सरकार का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने हमें इतनी बेहतरीन सुविधा प्रदान की है. अब पूरे इलाके में साफ पानी मिल रहा है और हम इस बदलाव से बहुत खुश हैं.”

सांबा के डीएम राजेश शर्मा ने बताया, “जल जीवन मिशन (जेएमएम) एक बेहतरीन योजना है, जो केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही है. ऐसे कई इलाके हैं जहां पानी के स्रोत खत्म हो रहे थे या पानी की भारी कमी थी. इस योजना ने उन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण मदद की है. इस योजना के तहत बहुत काम किया जा रहा है. हम नियमित रूप से इनकी समीक्षा भी करते हैं. चुनाव के दौरान भी मैंने इसकी प्रगति को देखी और नियमित रूप से इसकी स्थिति की जांच की, क्योंकि पानी, बिजली और सड़क तीन सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी सुविधाएं हैं. इनमें से पानी सबसे प्राथमिक आवश्यकता है, क्योंकि खाने-पीने के लिए भी पानी की जरूरत होती है.”

उन्होंने आगे कहा, “हमारे क्षेत्र में कुछ इलाके बारिश से प्रभावित होते हैं. यहां पानी की समस्या रहती है. अगर इस योजना से हमारी अधिकांश पानी की समस्या हल हो जाती है, तो यह बहुत अच्छा होगा. हाल ही में कुछ क्षेत्रों में लोगों को कुएं खुदवाने या पाइपलाइन बिछाने में समस्या आ रही थी, तो इस पर व्यक्तिगत रूप से हमारे राजस्व अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और उनकी समस्याओं का समाधान किया. हम आगे भी प्रयास करेंगे कि जल जीवन मिशन के इस चरण में हमारी सभी योजनाएं जल्द से जल्द पूरी होकर जनता की सेवा में लाई जाएं.”

जल शक्ति विभाग के विजयपुर सब डिविजन एईई विकरण महाजन ने बताया, “जब जल जीवन मिशन की शुरुआत हुई, तो विभिन्न गांवों के लिए सर्वेक्षण किया गया. इस दौरान विभाग को यह जानकारी मिली कि एक प्राचीन शिव मंदिर में 200 से 250 साल पुराना डगवेल (जल स्रोत) है, जो पिछले 50 साल से बंद पड़ा था. गांव के बुजुर्गों का कहना था कि उनके पूर्वजों ने बताया था कि यह डगवेल का पानी बहुत अच्छा था. जब विभाग ने योजना बनाई, तो इस जलस्रोत को पुनर्जीवित करने का भी प्रोजेक्ट में समावेश किया गया. यह कार्य थोड़ा मुश्किल था क्योंकि यह डगवेल पुराने डिजाइन का था और इसकी गहराई भी ज्यादा थी. सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि 50 साल से यह बंद पड़ा था. इस कारण इसमें गंदगी फैल गई थी. इसके बावजूद, हमने योजना बनाई और काम शुरू किया. डगवेल का पुनर्निर्माण किया गया, और अब यह पुनर्जीवित हो चुका है.”

उन्होंने आगे कहा, ” आज हम रोजाना लगभग 60,000 से 80,000 गैलन पानी का उपयोग कर रहे हैं. यह पानी लगभग 1,500 से 2,000 लोगों तक पहुंच रहा है. लोग इसे अमृत के समान मानते हैं और इसका धार्मिक महत्व भी है, क्योंकि वे इसे गंगाजल की तरह मानते हैं. जल जीवन मिशन को लेकर उनका कहना है कि यह उनके लिए एक वरदान जैसा है. इस पुनर्जीवित डगवेल से लोगों को पानी मिल रहा है और आज इस क्षेत्र में पानी की समस्या लगभग समाप्त हो चुकी है.”

पीएसएम/जीकेटी