Mumbai , 13 जुलाई . अभिनेता जितिन गुलाटी इन दिनों काजोल की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘मां’ में सरफराज का रोल निभाकर लोगों की तालियां बटोर रहे हैं. उन्होंने से अपने संघर्ष के दिनों के बारे में बात की.
उन्होंने बताया कि उनके लिए भी शुरुआत में बहुत मुश्किलें आईं. उन्हें काम मिलने में दिक्कतें हुईं और मेहनत करनी पड़ी. लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार कोशिश करते रहे, तभी जाकर उन्हें अच्छे रोल मिले और पहचान मिली.
जब जितिन गुलाटी से उनके संघर्ष के सबसे मुश्किल दिनों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि उनकी जिंदगी का हर एक कदम उनके लिए एक नई चुनौती लेकर आता था.
से बात करते हुए, गुलाटी ने कहा, “सच कहूं तो, मेरा पूरा सफर बहुत मुश्किल रहा है. जब आप अपना सपना पूरा करने की कोशिश करते हैं और खासकर जब वह सपना दूसरों की सोच से अलग होता है, तो हमेशा मुश्किलें आती हैं.”
उन्होंने बताया कि उन्हें अपने परिवार का पूरा समर्थन मिला, लेकिन फिर भी उनके लिए चीजें आसान नहीं थीं.
अभिनेता ने कहा, “हममें से बहुत सारे अभिनेता मिडिल क्लास परिवारों से आते हैं, जहां कोई सीधे नहीं कहता, ‘जाओ और अभिनेता बनो.’ ऐसा समर्थन जो दिल से हो, जरूरी नहीं कि हमेशा काम आए. मेरा परिवार मेरे साथ था, इसके लिए मैं खुश हूं, लेकिन फिर भी यह रास्ता आसान नहीं था.”
उन्होंने आगे कहा, “Mumbai में रहना हो या इस पेशे की अनिश्चितताओं से लड़ना हो, हर कदम पर नई मुश्किलें आती हैं. कभी काम नहीं मिलता, तो कभी काम पाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है. ये रास्ता आसान नहीं होता.”
जितिन ने कहा, “अगर मैं अपने पूरे सफर को एक लाइन में समेटना चाहूं, तो मैं कहूंगा कि यह धीमी लेकिन लगातार रही है और हमेशा ऊपर की ओर बढ़ती रही है. यह कोई आसान रास्ता नहीं था, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और लगातार आगे बढ़ता रहा. बेशक सफलता धीरे-धीरे मिली हो, लेकिन मैंने हमेशा आगे बढ़ना जारी रखा, और यही सबसे बड़ी खुशी की बात है.”
उन्होंने सफर का सहारा बनने के लिए अपने फैंस का धन्यवाद किया.
जितिन ने कहा, “आपके फीडबैक, आपके संदेश और आपके रिव्यू मेरे लिए बहुत मायने रखते हैं. चाहे वह ‘Mumbai मेरी जान’ के लिए हो या मेरे ओटीटी प्रोजेक्ट्स के लिए, मुझे आपकी प्रतिक्रिया से बहुत हिम्मत मिलती है. आपके शब्द मेरे लिए बहुत मायने रखते हैं.”
–
पीके/एबीएम