जालंधर, 30 दिसंबर . पंजाब में किसानों के धरने को लेकर पुणे से जम्मू की ओर जा रही झेलम एक्सप्रेस को जालंधर कैंट पर रोक लिया गया है. एक्सप्रेस शनिवार को पुणे से चली थी और सोमवार को जालंधर पहुंची. ट्रेन में सवार यात्री पिछले तीन दिन से सफर कर रहे हैं. उन्हें अब जालंधर में शाम को 4:00 बजे तक इंतजार करना पड़ेगा.
ट्रेन में सफर कर रहे यात्री अमित ने बताया कि वह जम्मू का रहने वाला है. मैं जम्मू से पहले शिरडी के लिए गया था. अब पुणे से झेलम एक्सप्रेस में सवार होकर अपने घर की ओर जम्मू जा रहा था. लेकिन किसानों के धरने की वजह से ट्रेन को जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया है. उन्होंने बताया कि धरने को लेकर उनके पास खाने का भी कोई इंतजाम नहीं है. ट्रेन में भी शुद्ध शाकाहारी खाना ना मिलने से वह काफी परेशान हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी हैं, जिनके खाने पीने को लेकर बहुत सी परेशानी सामने आ रही है.
दूसरे यात्री भारत भूषण ने बताया कि वह पुणे से माता वैष्णो देवी पर माथा टेकने के लिए शनिवार को झेलम एक्सप्रेस में बैठे थे. वह पिछले तीन दिन से ट्रेन में सफर कर रहे हैं. किसानों के धरने के कारण उन्हें जालंधर में शाम तक रुकना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि हमारे पास खाने-पीने का कोई प्रबंध नहीं है. ट्रेन में भी चाय के अलावा और कुछ नहीं मिल पा रहा है.
वहीं, जालंधर में मुरादाबाद से आए विनोद कुमार गुंबर ने बताया वह माता श्री वैष्णो देवी की यात्रा पर जा रहे थे. उन्हें जालंधर में किसानों के धरने की वजह से रोक लिया गया और उनकी ट्रेन कैंसिल कर दी गई. गुंबर ने बताया रेलवे द्वारा उन्हें आगे अल्टरनेट ट्रेन के लिए भी कोई मदद नहीं की गई. जिसके चलते उन्हें जालंधर में जालंधर कैंट स्टेशन के पास होटल बुक कर स्टे लेना पड़ा. उन्होंने बताया कि आज उनका सोमवार का व्रत था और उन्हें श्री माता वैष्णो देवी कटरा पहुंचकर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना था.
बता दें कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत अपनी मांगों को लेकर किसान संगठनों ने सोमवार को बंद का ऐलान किया था. पूरे पंजाब में बंद का असर देखा जा रहा है. हालांकि, आपातकालीन सेवाएं खुली हैं. बंद में निजी बस ट्रांसपोर्टरों के अलावा वंदे भारत और शताब्दी सहित 200 से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुईं. बंद का आह्वान किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के समर्थन में किया गया, जो किसानों की मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर एक महीने से अधिक समय से भूख हड़ताल पर हैं.
–
एफजेड/