रांची, 15 मई . टेंडर कमीशन घोटाले में गिरफ्तार झारखंड के ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम को गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच रांची स्थित स्पेशल पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट में पेश किया गया. ईडी ने मंत्री से पूछताछ के लिए दस दिनों की रिमांड की पेटीशन दी. इस पर कोर्ट ने छह दिनों की रिमांड की मंजूरी दी है.
रिमांड पिटीशन पर बहस के दौरान ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार ने कहा कि टेंडर घोटाले में मंत्री के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं. ऐसे में उनसे लंबी पूछताछ करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
आलमगीर आलम के अधिवक्ता ने इसका विरोध किया. इसके बाद कोर्ट ने छह दिनों की रिमांड की मंजूरी दी.
ईडी की टीम गुरुवार को आलमगीर आलम को सुरक्षा बलों के घेरे में लेकर जब कोर्ट पहुंची तो वहां बड़ी संख्या में मौजूद उनके समर्थकों ने जिंदाबाद के नारे लगाए.
बता दें कि आलमगीर आलम को ईडी ने मंगलवार को साढ़े नौ घंटे और बुधवार को छह घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.
ईडी ने उनके पीएस संजीव कुमार लाल, घरेलू सहायक जहांगीर आलम और अन्य करीबियों के ठिकानों पर 6-7 मई को की गई छापेमारी में 37.37 करोड़ रुपए बरामद किए थे.
पूछताछ और जांच में ईडी ने पाया है कि इस मामले में मंत्री आलमगीर आलम की सीधी संलिप्तता है. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
आलमगीर आलम झारखंड सरकार के कैबिनेट में नंबर दो की हैसियत वाले मंत्री हैं. वह झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता भी हैं. ईडी ने उनके पीएस संजीव कुमार लाल एवं घरेलू सहायक जहांगीर लाल को 8 मई से रिमांड पर लिया है और उनसे लगातार पूछताछ जारी है.
इस दौरान खुलासा हुआ है कि ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं में टेंडर मैनेज करने से लेकर भुगतान में कमीशन की वसूली होती थी और इसका निश्चित हिस्सा बड़े अफसरों और मंत्री आलमगीर आलम तक पहुंचता था.
–
एसएनसी/