रांची, 18 अप्रैल . झारखंड हाईकोर्ट ने अप्रैल, 2022 में देवघर के त्रिकूट पर्वत पर हुए रोपवे हादसे को लेकर दर्ज एफआईआर पर हुई कार्रवाई के बारे में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने पूछा है कि रोपवे संचालित करने वाली कंपनी के खिलाफ क्या एक्शन हुआ है?
राज्य सरकार से कहा गया है कि वह इस संबंध में शपथ पत्र दाखिल करके पूरी जानकारी कोर्ट के समक्ष पेश करे. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को मुकर्रर की है.
बता दें कि देवघर के त्रिकूट पर्वत पर 10 अप्रैल, 2022 की शाम लगभग 6 बजे रोपवे का एक तार टूट जाने की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे. रोपवे की 24 में से 23 ट्रॉलियों पर सवार कुल 78 लोग पहाड़ी और खाई के बीच हवा में फंस गये थे. इनमें से 28 लोगों को उसी दिन सुरक्षित निकाल लिया गया था. जबकि, 48 लोग 36 से लेकर 45 घंटे तक बिना पानी-खाना के पहाड़ी और खाई के बीच हवा में लटके रह गए थे.
वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और आर्मी के लगातार 45 घंटे के जोखिम भरे ऑपरेशन के बाद हवा में लटके 48 में से 46 लोगों को बचा लिया गया था. जबकि, रेस्क्यू के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी. हाईकोर्ट ने इस हादसे को लेकर मीडिया में आई खबरों पर संज्ञान लिया था. पूर्व की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि जांच में रोपवे संचालित करने वाली कंपनी दामोदर रोपवे इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. को दोषी पाया गया है. उसके खिलाफ जिम्मेदारी तय की जा रही है.
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एसएनसी/एबीएम