रांची, 10 जुलाई . झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के पांच विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड सरकार, भारत सरकार, राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, उच्च शिक्षा निदेशक, राज्यपाल के प्रधान सचिव, सर्च कमेटी के समन्वयक, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग सहित सभी संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और रजिस्ट्रार को शपथ पत्र दायर कर जवाब देने का निर्देश दिया है.
याचिका में इन सभी को प्रतिवादी बनाया गया है. जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की कोर्ट की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी संबंधित प्रतिवादी तीन हफ्ते के अंदर काउंटर एफिडेविट दायर नहीं करते हैं तो प्रत्येक पर 5,000 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा.
राज्य में वर्ष 2022 में रांची यूनिवर्सिटी, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी, जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी, झारखंड स्टेट ओपेन यूनिवर्सिटी और विनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी में कुलपतियों की नियुक्ति की गई थी.
कोर्ट में दायर याचिका में इन नियुक्तियों में नियमों का अनुपालन नहीं किए जाने का आरोप लगाया गया है. याचिका में कहा गया है कि नियुक्तियों के लिए जो सर्च कमेटी बनी, उसने भी नियमों की अनदेखी की.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर जो नियमावली निर्धारित है, उसे नजरअंदाज कर अनिवार्य योग्यता नहीं रखने वाले उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया.
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एसएनसी/एबीएम