रांची, 16 जनवरी . झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चार महीने में नगर निकायों के चुनाव कराने का आदेश दिया है. रांची नगर निगम की निवर्तमान पार्षद रोशनी खलखो एवं अन्य की ओर से दायर अवमानना याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने यह आदेश दिया. सुनवाई के दौरान राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी और नगर विकास सचिव सुनील कुमार सशरीर उपस्थित रहे.
सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने नगर निकाय के चुनाव की तारीखें तीन हफ्ते के भीतर घोषित करने के 4 जनवरी, 2024 को दिए गए अपने आदेश का अनुपालन न होने पर सवाल उठाया. इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि नगर निकायों में पिछड़े वर्गों को आरक्षण दिया जाना है. आरक्षण का प्रतिशत तय करने के लिए जिला स्तर पर ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है. कुछ जिलों में यह प्रक्रिया चल रही है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा. भारत निर्वाचन आयोग से वोटर लिस्ट भी अब तक नहीं मिल पाया है. इन वजहों से चुनाव में देर हो रही है.
दूसरी तरफ, याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत को बताया गया कि ट्रिपल टेस्ट कराए बिना भी निकाय चुनाव हो सकता है. इस तरह के मामले में पूर्व में सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश आ चुका है, जिसके अनुसार आरक्षण प्रतिशत तय करने के नाम पर चुनाव नहीं टाले जा सकते. ऐसा लगता है कि राज्य सरकार की मंशा चुनाव कराने की नहीं है. ऐसे में सरकार पर अवमानना का मामला चलाया जाना चाहिए.
इसके पहले 13 जनवरी को इस याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य में नगर निकायों के चुनाव न कराए जाने पर गहरी नाराजगी जाहिर की थी. कोर्ट ने कहा था यह अवमानना का मामला प्रतीत होता है. राज्य की सरकार नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया के नाम पर चुनाव नहीं रोक सकती.
उल्लेखनीय है कि झारखंड में सभी नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में ही समाप्त हो गया है. नए कार्यकाल के लिए चुनाव 27 अप्रैल, 2023 तक करा लिए जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है.
–
एसएनसी/