रांची, 16 सितंबर . हजारीबाग स्थित एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) की विशेष अदालत ने Tuesday को हजारीबाग जिले के बहुचर्चित भूमि घोटाले के आरोपी निलंबित वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे को जमानत देने से इनकार कर दिया. अदालत ने यह फैसला 12 सितंबर को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुरक्षित रखा था.
विनय चौबे की ओर से अधिवक्ता शंकर ने पैरवी की, जबकि एसीबी की ओर से विशेष लोक अभियोजक अभिषेक कृष्ण गुप्ता ने बहस की.
यह मामला 2008 से 2010 का है, जब विनय चौबे हजारीबाग के उपायुक्त के पद पर तैनात थे. एसीबी ने इस मामले में गत माह कांड संख्या 9/2025 के तहत First Information Report दर्ज की थी.
एजेंसी की जांच में पाया गया कि खासमहाल प्रकृति की 2.75 एकड़ जमीन वर्ष 1948 में सेवायत ट्रस्ट को 30 वर्षों की लीज पर दी गई थी. 1978 में लीज समाप्त होने के बाद जमीन खाली रही, लेकिन 2008 से 2010 के बीच प्रशासनिक साजिश के तहत 23 लोगों के नाम से निबंधित कर दी गई. जांच में तत्कालीन डीसी विनय चौबे की भूमिका संदिग्ध पाई गई.
विनय चौबे इस समय रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में न्यायिक हिरासत में हैं. वह Jharkhand कैडर के 1999 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. कई जिलों में उपायुक्त के रूप में सेवा देने के बाद वह राज्य के Chief Minister हेमंत सोरेन के सचिव, उत्पाद विभाग के सचिव सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहे हैं.
Jharkhand एसीबी ने उन्हें 20 मई को राज्य में हुए शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था. तय समय पर चार्जशीट दाखिल न होने के कारण उन्हें उस केस में जमानत मिल गई थी. लेकिन अब हजारीबाग भूमि घोटाले में उनकी जमानत अर्जी खारिज हो गई है, इसलिए वे अभी जेल में ही रहेंगे.
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एसएनसी/पीएसके