देश में बढ़ते नशाखोरी के मामलों पर जीतू पटवारी ने जताई चिंता, कहा- ऐसा न हो कि ‘उड़ता भारत’ फिल्म बनानी पड़े

भोपाल, 11 अक्टूबर . देश में दिल्ली सहित कई राज्यों में बीते दिनों पकड़ी गई अवैध नशीली सामग्री, बढ़ते नशाखोरी और बेरोजगारी के मुद्दे पर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देश में नशाखोरी और इसके अवैध कारोबार की हालत अगर यूं ही चलती रही तो एक दिन ऐसा न हो कि देश को लेकर फिल्म “उड़ता भारत” बनानी पड़े.

उन्होंने से बात करते हुए कहा, “नरेंद्र मोदी ने 2014 में जब पहली बार चुनाव लड़ा था, तब उन्होंने वादा किया था कि हम हर वर्ष दो करोड़ नए रोजगार देंगे. आज, दस साल बाद, स्थिति यह है कि लगभग ढाई करोड़ लोग नशे के आदी बन रहे हैं, और इसमें युवा वर्ग तेजी से शामिल हो रहा है. आखिर भारत में ये क्या हो रहा है? क्या नए भारत की कल्पना इस प्रकार के नशा करने वाले भारत की थी? नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में यह नशा कारोबार तेजी से बढ़ा है. दरअसल, ड्रग्स इतनी सरलता से उपलब्ध हो रही है कि वे कलेक्टर के बंगले से लेकर थाने के सामने तक बेच दिए जा रहे हैं. यह बीजेपी सरकार के द्वारा तैयार की गई कैसी स्थिति है? दूसरी बात, नरेंद्र मोदी भाषण देते हैं और बड़े-बड़े वादे करते हैं, जबकि उनके मुख्यमंत्री नशे के कारोबारियों के साथ लिप्त पाए जाते हैं. आखिर यह कैसी दोहरी सोच और कार्यशैली है? भाषण कुछ और, और काम कुछ और. तो फिर यह नया भारत कैसे है? यह एक बड़ा सवाल है.”

इसके बाद उन्होंने बांसुरी स्वराज के उस बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने देश के नेता प्रतिपक्ष के पद को रोटेशनल होने के सवाल का जवाब दिया और कहा कि ऐसा उन्होंने भी सुना है. उन्होंने कहा, “दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज ने आज कहा कि विपक्ष के नेता का पद रोटेशनल होना चाहिए. उनका कहना है कि राहुल गांधी ठीक से इस पद का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं. वह वकील हैं, और अगर उन्होंने संविधान नहीं पढ़ा, तो यह उनकी स्थिति पर तरस आने वाली बात है. उनकी माता जी भी एक बड़ी नेता थीं और उन्होंने राजनीति में अपनी छाप छोड़ी. अगर कोई सामान्य सांसद यह बात कहता, तो शायद इस पर कुछ और विचार होता. लेकिन, जब इतना बड़ा नेता ऐसा संविधान के विपरीत कुछ कहता है, तो क्या कहा जा सकता है? शर्म आनी चाहिए.”

उन्होंने आगे कहा, “हमें ध्यान रखना चाहिए कि अगर हम ऐसे ही चलते रहे, तो एक दिन ऐसा न हो कि देश को लेकर फिल्म “उड़ता भारत” बनानी पड़े. हमें इस गंभीर विषय पर गंभीरता से विचार करना होगा. अभी तक राज्यों में नशे की स्थिति का आकलन करने पर उड़ता पंजाब कहा जाता था, लेकिन, अब ऐसा न हो कि ‘उड़ता भारत’ फिल्म बनानी पड़े.”

पीएसएम/जीकेटी