पटना, 4 जुलाई . बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को लेकर सियासत चरम पर है. पक्ष-प्रतिपक्ष फायदे और नुकसान गिना रहा है. मीडिया से बातचीत में शुक्रवार को पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने भारत निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कुछ सवाल पूछे. अब उन्हीं सवालों का जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने जवाब दिया है. कटाक्ष किया कि ये उनके (पप्पू यादव) अधिकार क्षेत्र का मामला है.
से बातचीत में नीरज कुमार ने कहा कि संवैधानिक संस्था के प्रति अनादर का भाव नहीं होना चाहिए. मैं बार-बार बोलता हूं कि पप्पू यादव को जितना मुझे राजनीतिक ज्ञान नहीं है.
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने पुनरीक्षण अभियान के अच्छे तरीके से चलने का दावा किया है. इस पर जदयू प्रवक्ता ने कहा, “हम इतना चाहेंगे कि डॉ. बीआर अंबेडकर ने जो वोट डालने का अधिकार दिया है, वो अधिकार छूटना नहीं चाहिए. किसी भी वोटर को वोट डालने में और सूची में नाम जोड़ने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.”
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एएमआईएमआई के बिहार चीफ का राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को लिखा खत सुर्खियों में है. उन्होंने इंडी अलायंस में शामिल होने की इच्छा जताई है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू प्रवक्ता ने कहा, “ये तय था कि 4 विधायक मेरा तोड़ा है, हम 40 सीट पर जीत कर आएंगे. लेकिन समय बदला, दौर बदला, अब लालू के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं. बिना दान के वहां दरवाजा खुलता कहां है.”
उन्होंने आगे कहा, “बिहार के मुसलमान जानते हैं कि नीतीश कुमार हैं, तो हम महफूज हैं. हमारी तालीम का विकास हो रहा है. मुस्लिम महिलाओं के लिए काम हो रहा है. अन्यथा लोगों को इस बात का एहसास है कि सेक्यूलेरिज्म का नारा लगाने वाले लालू यादव के राज्य में हालात अच्छे नहीं थे.”
जदयू प्रवक्ता ने दावा किया, “लालू के राज में 12 सांप्रदायिक दंगे हुए, लेकिन नीतीश कुमार के 20 वर्षों के शासनकाल में किसी ‘माई के लाल’ में दम नहीं है कि अल्पसंख्यक को बुरी नजर से देखे. अगर कोई बुरी नजर से देखेगा तो कानून उसको कड़ी नजर से देखेगा.”
सांसद पप्पू यादव (राजेश रंजन) ने कहा है कि चुनाव आयोग आरएसएस का दफ्तर है.
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