पटना, 1 अप्रैल . एनडीए में शामिल जदयू अब राजद से महिला सशक्तिकरण को लेकर रोज पांच सवाल करेगी. इसकी शुरुआत मंगलवार को कर दी गई. जदयू ने पहले दिन महिला शिक्षा से जुड़े पांच प्रश्न राजद से किए और विश्वास जताया कि विपक्ष इसका जवाब अवश्य देगा.
जदयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जदयू की प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि बिहार में 1990 से 2005 तक के राजद के शासनकाल में महिलाओं के अधिकारों की बात तो दूर की बात थी, उनकी आवाज को भी बेरहमी के साथ कुचल दिया जाता था. इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर राजद से रोज पांच सवाल पूछे जाएंगे.
उन्होंने पूछा कि राजद के शासनकाल में महिला सशक्तिकरण और समानता को लेकर संविधान ने महिलाओं को जो अधिकार दिए हैं, उसके लिए क्या किया गया? उन्होंने पहला सवाल पूछा कि जब 2006 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री साइकिल योजना और पोशाक योजना की शुरुआत की थी, तब लड़कियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई. राजद के शासनकाल में ऐसी कोई पहल क्यों नहीं की गई थी?
जदयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने आगे पूछा कि बिहार में बेटियों के हायर एजुकेशन को लेकर कॉलेज की संख्या बढ़ाने, छात्राओं के लिए छात्रावास और अन्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए राजद सरकार की क्या भूमिका थी? लड़कियों को इंटर या स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्थिक सहायता देकर उच्च शिक्षा के लिए राजद के शासनकाल में विचार क्यों नहीं किया गया?
उन्होंने एक अन्य सवाल में पूछा कि राजद के शासनकाल में 1990 से 2005 तक महिलाओं को सिविल सेवा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने या प्रोत्साहित करने के लिए कोई योजना क्यों नहीं चलाई गई? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसी योजनाओं की शुरुआत कर ऐसे विचारों को ही ध्वस्त कर दिया.
उन्होंने पांचवें और अंतिम सवाल में कहा कि राजद के शासनकाल में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोई योजना क्यों नहीं बनाई गई? उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि राजद इन सारे प्रश्नों का जवाब अवश्य देगी.
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एमएनपी/