दीपावाली और छठ पूजा में ट्रेनों की संख्या बढ़ाने का जदयू ने किया स्वागत

नई दिल्ली, 27 सितंबर . दीपावली और छठ पूजा के दौरान ट्रेन में यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने 10 हजार से ज्यादा स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को जानकारी दी कि रेलवे ने दीपावली और छठ पूजा को ध्यान में रखते हुए विशेष तैयारियां की है. रेलवे करीब 108 ट्रेनों में जनरल कोच बढ़ाने जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक यात्रियों को सफर करने का अवसर मिल सके. इसे लेकर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने से बात करते हुए कहा कि बिहार के लिए यह महत्वपूर्ण मुद्दा है. छठ पूजा हमारा लोकपर्व है. हमारे पर्व का प्रभाव ही ऐसा है कि छठ पूजा देश ही नहीं, बल्कि सात समंदर पार भी लोग मनाते हैं. बिहार के लिए यह महत्वपूर्ण पर्व है. छठ पूजा पूरे देश में लोकगीतों में भी प्रसिद्ध है. स्वाभाविक है कि बिहार के लोग दूसरे राज्यों की आर्थिक स्थिति में बदलाव लाने के लिए बोझ नहीं हैं. वे वहां की बोझ उठाने वाले में से हैं. छठ पर्व में वे अपने घर आते हैं, तो ट्रेनों की संख्या बढ़ाना स्वागत योग्य कदम है.

रेल मंत्री ने कहा कि दीपावली और छठ पूजा के दौरान 12,500 विशेष ट्रेनों का संचालन करने की मंजूरी दी गई है. इसके अतिरिक्त, 2024-2025 में 5,975 ट्रेनें अधिसूचित की गई हैं. रेलवे के अनुसार, इससे 1 करोड़ से अधिक यात्रियों को दीपावली और छठ पूजा की भीड़ के दौरान घर जाने की सुविधा मिलेगी. आपको बताते चलें, साल 2023 और 2024 में पूजा विशेष ट्रेनों की संख्या 4,429 थी.

इससे पहले 25 सितंबर को आनंद विहार से बरौनी के बीच स्पेशल ट्रेन चलाने की बात कही गई. स्पेशल ट्रेन 6 अक्टूबर से शुरू होकर 17 नवंबर तक चलेगी. ट्रेन एसी स्पेशल होगी, जो आनंद विहार से लखनऊ होते हुए बरौनी पहुंचेगी. ट्रेन सुबह 9 बजे आनंद विहार से चलेगी और अगले दिन सुबह 6:30 बजे बरौनी पहुंचेगी. एसी स्पेशल ट्रेन अलीगढ़, टूंडला, इटावा, कानपुर, लखनऊ, सुल्तानपुर, जौनपुर, गाजीपुर सिटी, बलिया, सुरेमनपुर, छपरा और हाजीपुर में रुकेगी. इस ट्रेन में 16 थर्ड एसी, 2 पावर कार समेत 18 कोच होंगे.

बता दें कि हर साल दीपावली और छठ पूजा के अवसर पर देशभर से बड़ी संख्या में लोग उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर प्रस्थान करते हैं. यूपी-बिहार के लोगों के लिए यह त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि परिवारों से मिलने का भी एक अहम अवसर होता है. इस दौरान स्थिति ऐसी हो जाती है कि दो-तीन महीने पहले से ही अधिकांश ट्रेन की टिकट वेटिंग लिस्ट में चली जाती हैं. ट्रेनों में भारी भीड़ होने के कारण यात्रा करना अक्सर मुश्किल हो जाता है.

आरके/जीकेटी