किसी को भी इस्तीफा देने का अधिकार है : जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार

पटना, 22 जुलाई . मानसून सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. इस मुद्दे पर जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता नीरज कुमार ने के साथ खास बातचीत की. नीरज कुमार ने कहा कि इस्तीफे पर राजनीतिक बयानबाजी गलत है. हर किसी को इस्तीफा देने का अधिकार है.

उन्होंने कहा, “उपराष्ट्रपति पद से धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है. उन्होंने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन की पहली पाली में हिस्सा लिया और उसके बाद स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया.”

उन्होंने विपक्ष के बयानों पर तंज कसते हुए कहा, “अगर इस इस्तीफे पर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है, तो लगता है कि विपक्ष ने नई ‘राजनीतिक जांच एजेंसी’ खोल ली है. किसी को इस्तीफा देने का अधिकार है, तो उस पर राजनीतिक टिप्पणी करने की क्या जरूरत है? यह व्यक्तिगत मामला है.”

बिहार की राजधानी पटना में चंदन मिश्रा हत्याकांड के मामले में बिहार पुलिस ने दो आरोपियों के साथ मुठभेड़ में कार्रवाई की. इस घटना पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “जब कोई पुलिस पर हमला करता है, तो पुलिस को अपनी रक्षा के लिए कार्रवाई करनी पड़ती है. बिहार पुलिस के पास अपराधियों की पूरी सूची है. लेकिन कुछ लोग, जो बिहार पुलिस की सुरक्षा का लाभ तो उठाते हैं, उसी की आलोचना भी करते हैं. ऐसे सुविधाभोगी लोगों को देखना और समझना चाहिए कि बिहार पुलिस कितनी मेहनत से काम करती है.”

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की नेता और पूर्व Chief Minister राबड़ी देवी ने बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि इससे करोड़ों मतदाताओं के नाम कट जाएंगे. इस पर नीरज कुमार ने तंज कसते हुए कहा, “राबड़ी देवी, अगर आप इतने बड़े दावे कर रही हैं, तो कम से कम 50 ऐसे लोगों के नाम बता दीजिए, जिनके नाम पात्र होने के बावजूद मतदाता सूची से हटाए गए हैं.”

नीरज कुमार ने बिहार की जागरूकता और प्रगति पर कहा, “बिहार में अब वह पुराना दौर नहीं रहा, जब लोग चरवाहा विद्यालय में पढ़ते थे. आज यहां का सब्जी बेचने वाला भी ऑनलाइन भुगतान स्वीकार करता है. जीविका समूह की 94 प्रतिशत महिलाएं, जो ज्यादातर अति पिछड़े और दलित समुदायों से हैं, बैंक लेन-देन करती हैं. कोविड-19 के समय में भी बिहार ने संचार सुविधाओं का उपयोग कर लोगों को सहायता पहुंचाई. बिहार सरकार ने हर संभव मदद की. अब वह दौर नहीं है कि बिहारी मेधा पर सवाल उठाए जाएं.”

वीकेयू/एबीएम