जेडीयू नेता रत्नेश सदा ने जातिगत जनगणना को लेकर साधा राहुल गांधी पर निशाना

पटना, 1 अगस्त . जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के वरिष्ठ नेता रत्नेश सदा ने जातिगत जनगणना को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लगातार जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं. अगर उनमें दम है, तो वे अपने दम पर जातिगत जनगणना कराकर दिखा दें, मुझे पूरा विश्वास है कि वे ऐसा नहीं कर पाएंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो अपने दम पर जातिगत जनगणना करके दिखा भी दिया था, लेकिन राहुल गांधी ऐसा बिल्कुल भी नहीं कर सकते हैं.

जेडीयू नेता ने यह बयान ऐसे वक्त में दिया है, जब संसद में जातिगत जनगणना को लेकर सियासी घमासान अपने चरम पर है. राहुल गांधी ने मंगलवार को संसद में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया था.

उन्होंने कहा था कि समाज की मौजूदा स्थिति को प्रदर्शित करने के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है, लेकिन बीजेपी इसका विरोध कर रही है. इस पर अनुराग ठाकुर ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि जिनकी जाति का पता नहीं है, वे जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं. इस पर कांग्रेस ने उनसे माफी की मांग की, लेकिन राहुल गांधी ने कहा कि मुझे उनकी माफी नहीं चाहिए. वैसे भी मुझे इनकी माफी से कोई खास फर्क पड़ने वाला नहीं है. बीजेपी नेता ने अपने इस बयान से अपनी पार्टी की मानसिकता प्रदर्शित कर दी है.

जेडीयू नेता रत्नेश दास ने कहा, “राहुल गांधी अब सदन में लगातार जातिगत जनगणना की बात कर रहे हैं. आखिर उन्होंने क्यों नहीं अपनी पार्टी के कार्यकाल में ऐसा करवाया. अब वे इस पर बेतुका बयान दे रहे हैं. मैं समझता हूं कि यह उचित नहीं है. वे जातिगत जनगणना के माध्यम से राजनीतिक हित साधने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह इच्छा कभी पूरी होने वाली नहीं है.”

वहीं बीजेपी एमएलसी जीवन कुमार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर राहुल गांधी की जाति के संबंध में आम लोगों से राय मांगी. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि राहुल गांधी हिंदू हैं या मुस्लिम, हमें इस बारे में बताएं. इस संबंध में जब ने उनसे सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि वे इस बात को जानने के लिए उत्सुक थे कि आखिर राहुल गांधी का धर्म क्या है.

बीजेपी नेता ने कहा कि मैं राहुल गांधी को निजी तौर पर नहीं जानता हूं और यह सवाल भी ऐसा है कि उनकी भावनाओं को ठेस पहुंच सकता है. इसी वजह से मैंने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करके उनके धर्म के बारे में लोगों से राय जानने का प्रयास किया है, लेकिन कुछ लोग इसके जरिए राजनीतिक फायदा प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं, जो उचित नहीं है.

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