कर्नाटक में महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ जेडीएस का ‘विधान सौधा चलो’ अभ‍ियान

बेंगलुरु, 9 अप्रैल . कर्नाटक में बढ़ती महंगाई और कथित भ्रष्टाचार को लेकर जनता दल (सेक्युलर) यानी जेडीएस ने राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन शुरू किया है.

‘विधान सौधा चलो’ नाम से यह प्रदर्शन 12 अप्रैल को सुबह 11 बजे बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क से शुरू होगा. जेडीएस ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार के सत्ता आने के बाद से राज्य में महंगाई बेकाबू हो गई है और आम जनता को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है.

जेडीएस युवा के अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी ने इस विरोध प्रदर्शन की जानकारी देते हुए कहा, “कांग्रेस सरकार के शासनकाल में पूरे कर्नाटक में महंगाई ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. चाहे मेट्रो का किराया हो, दूध की कीमतें हों, स्टांप ड्यूटी हो या अन्य आवश्यक सेवाओं की लागत, हर क्षेत्र में बढ़ोतरी देखी जा रही है. यह सरकार राज्य के लोगों को आर्थिक तंगी में धकेल रही है. एक विपक्षी और क्षेत्रीय पार्टी के रूप में हमारा कर्तव्य है कि हम सरकार से सवाल करें और उसे जवाबदेह ठहराएं.”

निखिल ने मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार बसवराज रायरेड्डी के उस बयान का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने राज्य में भ्रष्टाचार की बात स्वीकारी थी. निखिल ने कहा, रायरेड्डी ने खुद कहा था कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले पांच गारंटी देने का वादा किया था, लेकिन अब तक वे वादे पूरे नहीं हुए. ये अधूरे वादे ही सरकार की विफलता का सबूत हैं. एक आर्थिक सलाहकार का यह कहना कि राज्य में भ्रष्टाचार है, गंभीर चिंता का विषय है. मैं उनकी ईमानदारी की सराहना करता हूं, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि अगर यही स्थिति रही तो कर्नाटक जल्द ही बड़े वित्तीय संकट की ओर बढ़ेगा.”

उन्होंने आगे कहा कि यह विरोध प्रदर्शन केवल जेडीएस कार्यकर्ताओं या नेताओं का नहीं, बल्कि हर कन्नड़ नागरिक के दिल की आवाज है. उन्होंने कहा, “हमारा अभियान लोगों की भावनाओं से प्रेरित है. राज्य सरकार की नीतियों ने आम जनता को परेशान कर दिया है और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.”

जेडीएस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच समन्वय पर निखिल ने कहा कि दोनों दलों का लक्ष्य एक ही है. जेडीएस और बीजेपी के बीच कोई मतभेद नहीं है. हम एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में कांग्रेस सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं. हमारा एजेंडा स्पष्ट है राज्य के हितों की रक्षा करना. हमारा समन्वय पहले से ही मजबूत है, इसे और मजबूत करने की जरूरत है, इस दिशा में हम काम कर रहे हैं.

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