जद-एस विधायक एच.डी. रेवन्ना को यौन उत्पीड़न मामले में मिली सशर्त जमानत

बेंगलुरु, 20 मई . अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) की अदालत ने यौन उत्पीड़न मामले में सोमवार को जद-एस विधायक एच.डी. रेवन्ना को सशर्त जमानत दे दी.

रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पुत्र हैं. वह हाल ही में अपहरण के एक मामले में जेल से रिहा हुए हैं.

मजिस्ट्रेट जे. प्रीथ ने रेवन्ना को एक जमानतदार के साथ 5 लाख रुपये का बांड भरने का निर्देश दिया.

यह दावा करते हुए कि रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में दुष्‍कर्म का आरोप शामिल किया गया है, अभियोजन पक्ष ने अदालत में दलील दी कि उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए.

मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक जयना कोठारी ने शुक्रवार को कहा था कि होलेनरासीपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज यौन उत्पीड़न मामले में आईपीसी की धारा 376 (दुष्‍कर्म) जोड़ी गई है.

जयना कोठारी ने तर्क दिया, “पीड़िता ने दावा किया कि उसने अपना घर छोड़ दिया है, क्योंकि वह एच.डी. रेवन्ना और उनके बेटे प्रज्वल रेवन्ना के हाथों उत्पीड़न सहन करने में असमर्थ थी. आश्रय योजना के तहत उसे आवंटित घर वापस ले लिया गया और इस संबंध में जिला आयुक्त से शिकायत करने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ा.”

उन्‍होंने कहा था, “एच.डी. रेवन्ना और प्रज्वल रेवन्ना दोनों ने यौन उत्पीड़न किया और अदालत को रेवन्ना के खिलाफ मामले को प्रज्वल रेवन्ना से अलग नहीं देखना चाहिए. किसी भी परिस्थिति में उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए. चूंकि मामले में दुष्‍कर्म का आरोप जोड़ा गया है, इसलिए मुकदमा सत्र न्यायालय में चलाया जाना चाहिए.”

एच.डी. रेवन्ना के वकील सी.वी. नागेश ने दावा किया था कि इस संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा पहली बार शिकायत दर्ज नहीं की गई थी.

उन्होंने तर्क दिया, “यह जानबूझकर बनाया गया झूठा मामला है. पीड़िता को नहीं पता कि यौन हमला क्या है.”

“रेवन्ना के खिलाफ दुष्‍कर्म का आरोप अभी जोड़ा गया है. कथित कृत्य उस दिन नहीं किया गया था जब शिकायत दर्ज की गई थी. यह एक सप्ताह या एक साल पहले भी नहीं हुआ था. शिकायत में कहा गया है कि कथित कृत्य वर्षों पहले किया गया था.”

नागेश ने कहा, “पीड़िता ने होलेनरासीपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज नहीं कराई. इसके बजाय होलेनरासीपुर पुलिस स्टेशन के उप-निरीक्षक बेंगलुरु गए और पीड़िता की इच्छा के अनुसार शिकायत दर्ज कराई.”

एसजीके/