New Delhi, 22 जुलाई . पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत 1.6 करोड़ से ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग दी गई है, जिनमें से 1.29 करोड़ को (30 जून तक) सर्टिफिकेट भी दिया जा चुका है.
कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने Lok Sabha में एक लिखित उत्तर में बताया कि राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के अन्य कार्यक्रमों के तहत लगभग 1.74 करोड़ उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “एनएसडीसी ने पुरस्कार देने वाली संस्थाओं के माध्यम से 2.32 लाख से ज्यादा प्रशिक्षकों को प्रमाणन प्रदान किया है. प्रशिक्षक-से-लाभार्थी अनुपात प्रशिक्षण के प्रकार, बैच के आकार, क्षेत्र के मानदंडों और भौगोलिक स्थिति के आधार पर भिन्न होता है.”
पीएमकेवीवाई के कार्यान्वयन के लिए, एमएसडीई ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 1,538.29 करोड़ रुपए जारी किए हैं.
पीएमकेवीवाई 4.0 के अंतर्गत, मान्यता प्राप्त और संबद्ध प्रशिक्षण केंद्रों (टीसी) में प्रशिक्षण दिया जा रहा है और प्रशिक्षण केंद्रों की भौतिक और आभासी माध्यम से निगरानी की जा रही है. अनुपालन न करने वाले प्रशिक्षण केंद्रों के विरुद्ध First Information Report दर्ज करना, काली सूची में डालना, निलंबन, वित्तीय वसूली आदि जैसी कानूनी कार्रवाई की जाती है.
सरकार ने कहा कि पीएमकेवीवाई पूरे देश में लागू है और इसका लाभ हाशिए पर रहने वाले समुदायों सहित समाज के सभी वर्गों को मिलता है.
पीएमकेवीवाई के अंतर्गत एमएसडीई ने बाजार-संरेखित कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से कई रणनीतिक पहल की हैं.
पीएमकेवीवाई के तहत, उद्योग-विशिष्ट इनपुट्स पर किए गए नियमित कौशल अंतराल अध्ययनों से प्राप्त जानकारी के माध्यम से नौकरी की मांग का एक व्यापक मानचित्रण किया जाता है और सभी नौकरी भूमिकाओं को राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचे (एनएसक्यूएफ) के साथ संरेखित किया जाता है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पाठ्यक्रम उभरते बाजार रुझानों और भविष्य की कार्यबल आवश्यकताओं के अनुरूप हो.
पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत, भविष्य के लिए तैयार क्षेत्रों में रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इलेक्ट्रिक वाहन, रोबोटिक्स, 5जी और डेटा एनालिटिक्स में जॉब रोल शुरू किए गए हैं.
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एबीएस/