मुंबई, 3 मई . नेहरू केंद्र में मुंबई कला मेले के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए प्रसिद्ध कवि और गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि उन्हें कई कार्यक्रमों की अध्यक्षता करने के लिए आमंत्रित किया जाता है, लेकिन उन्हें वहां प्रेरणादायक स्पीच देना बिल्कुल पसंद नहीं है.
मीडिया से बातचीत करते हुए गीतकार ने कहा, ”मुझे वास्तव में प्रेरणादायक स्पीच देना पसंद नहीं है. ये बहुत ही संरक्षण देने वाली चीजें हैं. मुझे वास्तव में ऐसा करना पसंद नहीं है, मेरे मन में युवाओं के लिए बहुत सम्मान है.”
इस बारे में बात करते हुए कि वह क्यों मानते हैं कि युवा विशेष हैं, उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि वे अपने तरीके ढूंढ रहे हैं. वे वह सोचेंगे जो मैं नहीं सोच सकता, वे वो देखेंगे जो मैं नहीं देख सकता. उनकी आंखें एक चित्रकार की तरह हैं, वे आपको दिखाते हैं कि आपने क्या खो दिया.”
जब अख्तर से मेले में सबसे अच्छी कलाकृति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “आप यह नहीं कह सकते कि यह कलाकृति सबसे अच्छी है. अलग-अलग कलाकार होते हैं, जिनका सौंदर्यशास्त्र अलग होता है, संवेदनाएं अलग होती है और समझ अलग होती है.”
इसके बाद उन्होंने आगे कहा, “लेकिन, मैं आपको बता सकता हूं कि ऐसे बहुत से लोग हैं, उनमें से कुछ लोग असाधारण रूप से अच्छे हैं. जीवन के हर क्षेत्र में ऐसा ही है. ऐसे बहुत से लोग हैं जो काम करते हैं, कुछ अच्छे हैं, कुछ सचमुच अच्छे हैं और कुछ सीख रहे हैं.”
कलाकार से चित्रकार बनीं सुचित्रा कृष्णमूर्ति ने भी मुंबई कला मेले के उद्घाटन दिवस पर अपनी पेंटिंग का प्रदर्शन किया.
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एमकेएस/एबीएम