टोक्यो, 4 दिसम्बर . जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने बुधवार को कहा कि जापान दक्षिण कोरिया की स्थिति पर गंभीर चिंताओं के साथ नजर रख रहा है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने क्योडो न्यूज के हवाले से बताया कि इशिबा ने मीडिया कहा, “हम रातों-रात मार्शल लॉ की घोषणा के बाद से गंभीर चिंताओं के साथ घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं.” उन्होंने कहा कि वह दक्षिण कोरिया के घरेलू मामलों पर टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हैं.
रिपोर्ट में जापान के विदेश मंत्रालय के एक सूत्र के हवाले से कहा, “हमें नहीं पता कि क्या हुआ, लेकिन मार्शल लॉ घोषित करना एक गंभीर मामला है.”
सूत्र ने कहा कि दक्षिण कोरिया में स्थिति अराजक हो सकती है, और जापान इस पर नज़र रखेगा कि किस तरह के हालात बनते हैं.
बता दें राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश में मंगलवार रात मॉर्शल लॉ लगाने की घोषणा की थी. हालांकि बुधवार सुबह उन्हें अपना फैसला पलटना पड़ा. मार्शल लॉ करीब छह घंटे तक लागू रहा.
राष्ट्रपति यून ने एक टीवी संबोधन में मार्शल लॉ लागू करने की वजहों को जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश की उदारवादी संवैधानिक व्यवस्था को बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मार्शल लॉ की उनकी घोषणा का उद्देश्य ‘राज्य विरोधी ताकतों को खत्म करना’ है. उन्होंने विपक्ष पर सार्वजनिक अधिकारियों के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाकर सरकार को ‘पंगु’ करने और प्रस्तावित राष्ट्रीय बजट को कम करने का आरोप लगाया.
यून की मार्शल लॉ की घोषणा का न सिर्फ विपक्षी पार्टियों ने बल्कि उनकी अपनी सत्ताधारी दल पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) ने भी विरोध किया.
पीपीपी अध्यक्ष हान दोंग-हून ने ने राष्ट्रपति यून सूक योल से अपील की कि वे अपने उस फैसले की व्याख्या करें, जिसमें उन्होंने आपातकालीन मार्शल लॉ घोषित किया था.
इस बीच बुधवार को विपक्षी दलों ने यून खिलाफ महाभियोग चलाने का प्रस्ताव पेश किया. मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ रीबिल्डिंग कोरिया पार्टी और रिफॉर्म पार्टी सहित पांच अन्य छोटी विपक्षी पार्टियों ने दोपहर 2:43 (स्थानीय समायुनुसार) बजे नेशनल असेंबली में बिल ऑफिस में प्रस्ताव पेश किया.
योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक महाभियोग प्रस्ताव पर 190 विपक्षी सांसदों और एक स्वतंत्र सांसद ने हस्ताक्षर किए. हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी के किसी भी सांसद ने इसका समर्थन नहीं किया है.
वहीं देश के रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने बुधवार को माफी मांगी और इस्तीफे की पेशकश की. किम ने एक बयान में कहा, “मैंने इमरजेंसी मार्शल लॉ की वजह से पैदा हुई उथल-पुथल की जिम्मेदारी लेते हुए राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.” आरोप है कि किम ने कथित तौर पर मार्शल लॉ घोषित करने का प्रस्ताव रखा था. उनकी इस्तीफे की मांग विपक्षी दलों ही नहीं बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ से भी गई.
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक राष्ट्रपति यून सुक-योल पीपुल्स पावर की लोकप्रियता रेटिंग लगातार कम हो रही है. उनकी पत्नी भी कुछ कथित घोटालों और विवादों से जुड़ी रही हैं.
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एमके/