‘जन औषधि योजना’ गरीबों को सस्ती दरों पर दवाइयां मुहैया कराने का महत्वपूर्ण कदम : डॉ. एन लिबर्ट

नई दिल्ली, 1 मार्च . सिडनी विश्वविद्यालय की एडजंक्ट सीनियर लेक्चरर प्रोफेसर डॉ. एन लिबर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना’ की सराहना की है.

डॉ. एन लिबर्ट दिल्ली के एम्स स्थित जन औषधि केंद्र पहुंची थीं. उन्होंने दवाइयों के बारे में जानकारी ली और इसकी कार्यप्रणाली की सराहना की. उन्होंने केंद्र सरकार की इस पहल की तारीफ करते हुए कहा कि जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयां गरीबों तक पहुंच रही हैं, जो एक महत्वपूर्ण कदम है.

प्रोफेसर ने इसे स्वास्थ्य क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल और सामाजिक समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने इस पहल को कई देशों में अपनाने की आवश्यकता बताई.

उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने शनिवार को डॉ. एन लिबर्ट से मुलाकात की. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “डॉ. एन लिबर्ट से मिलकर बहुत खुशी हुई. पार्किंसंस रोग के इलाज में उनका काम सराहनीय है और इससे आने वाले समय में कई लोगों के लिए बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित होगा.”

योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल 7 मार्च को ‘जन औषधि दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. पिछले वर्षों की तरह 1 से 7 मार्च 2025 तक देश भर में विभिन्न स्थानों पर सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है.

सभी को किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ शुरू की गई. इस योजना के तहत, जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र (जेएके) के रूप में समर्पित आउटलेट खोले जाते हैं.

डीकेएम/एकेजे