नई दिल्ली, 21 नवंबर . नीति आयोग द्वारा 20 राज्यों के 20 आकांक्षी जिलों में 6 से 20 नवंबर तक चलाए गए एक पखवाड़े के जल उत्सव का बुधवार को समापन हो गया.
नीति आयोग ने राज्यों के साथ साझेदार मंत्रालय के रूप में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय के साथ मिलकर 6 नवंबर को जल उत्सव का शुभारंभ किया था. इसका उद्देश्य जल के बारे में संवेदनशीलता पैदा करना था ताकि इसे प्रमुख मुद्दा बनाया जा सके और जल संसाधनों की सुरक्षा में स्थानीय समुदाय को शामिल किया जा सके.
जल उत्सव का उद्देश्य छात्रों को स्थानीय जल संसाधन प्रबंधन और पेयजल गुणवत्ता परीक्षण के बारे में जानकारी देकर उन्हें शिक्षित और प्रोत्साहित करना भी था.
पखवाड़े के दौरान जिला प्रशासनों के माध्यम से राज्य सरकारों की सक्रिय भागीदारी के साथ हजारों लोगों को शामिल किया गया. जिनमें छात्र और शिक्षक और अन्य लोगों ने जल उत्सव शपथ ली.
उन्होंने स्थानीय जल निकायों की सफाई की, जल संरक्षण गतिविधियां को बढ़ावा दिया, जल संरक्षण के तरीकों की पहचान की और मां के नाम पर पौधारोपण किया. छात्रों के लिए स्थानीय जल आपूर्ति इकाइयों का दौरा, क्षेत्र परीक्षण किट का उपयोग करके पेयजल गुणवत्ता परीक्षण, निबंध और नारा लेखन जैसी गतिविधियों में शामिल किया गया और स्कूलों में पुरस्कार वितरण किए गए.
आंध्र प्रदेश में अल्लूरी सीतारामाराजू, राजस्थान में हुनुमानगढ़, उत्तर प्रदेश में चित्रकूट और मध्य प्रदेश में खरगोन जिलों में हितधारकों की महत्वपूर्ण भागीदारी देखी गई.
कार्यक्रम में तमाम नेताओं, जल क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न विभागों के राज्य सरकार के अधिकारियों तथा नीति आयोग ने अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
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एकेएस/एकेजे