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Lucknow, 8 नवंबर . उत्तर प्रदेश आज सांस्कृतिक पुनर्जागरण के स्वर्णिम दौर से गुजर रहा है. Chief Minister सोच रही है कि प्रदेश की लोककला, संगीत, परंपराएं और नृत्य विधाएं केवल सीमित दायरे में न रहें, बल्कि राष्ट्रीय मंचों पर नई पहचान बनाएं. इसी क्रम में संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा चयनित सांस्कृतिक दल ‘India पर्व 2025’ में भाग लेने के लिए केवड़िया (Gujarat) के लिए रवाना होगा.
संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि सांस्कृतिक दलों के आदान-प्रदान से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को और सुदृढ़ किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की संस्कृति India की आत्मा है और India पर्व में इसकी प्रस्तुति पूरे देश में एकता, सौहार्द और लोकजीवन की ऊर्जा का संदेश देगी. यह पहल ‘संरक्षण से संवर्धन’ की दिशा में प्रदेश का बड़ा कदम है.
उन्होंने बताया कि India पर्व 2025 में उत्तर प्रदेश का यह दल लोक, जनजातीय और शास्त्रीय कलाओं का अनूठा संगम प्रस्तुत करेगा. दल में गाजियाबाद के श्याम सिंह शंख, थुमचौन और डमरू वादन करेंगे, जबकि सनाहल देवी योगा, कंटेंपरेरी और छत्र नृत्य पेश करेंगी. सोनभद्र की आशा देवी मादल जनजातीय नृत्य प्रस्तुत करेंगी, और मथुरा के मुरारी लाल तिवारी मयूर नृत्य, फूलों की होली और चरकुला नृत्य के माध्यम से ब्रज की रंगीन परंपरा दिखाएंगे.
झांसी की राधा प्रजापति राई लोकनृत्य, प्रयागराज की पूर्णिमा कनौजिया ढ़ेढ़िया लोकनृत्य और भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, Lucknow की प्रो. प्रेरणा राणा के नेतृत्व में कथक और राम-सीता थीम प्रस्तुति दर्शकों को आकर्षित करेगी. यह दल ब्रज, अवध, बुंदेलखंड, पूर्वांचल और जनजातीय अंचलों की सांस्कृतिक विविधता को एक मंच पर लाकर ‘विविधता में एकता’ का सशक्त संदेश देगा.
Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उत्तर प्रदेश की संस्कृति हमारी पहचान और गौरव का प्रतीक है. India पर्व जैसे राष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी के माध्यम से हम अपनी परंपरा को नए आयाम दे रहे हैं.” उन्होंने बताया कि India पर्व 2025 में यह सांस्कृतिक दल न केवल कला और लोकजीवन की समृद्ध झांकी पेश करेगा, बल्कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को जीवंत बनाकर देश की सांस्कृतिक एकता को और मजबूत करेगा.
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विकेटी/डीकेपी