जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री से कहा, रिश्ते सामान्य बनाने के लिए एलएसी का सम्मान जरूरी

वियनतियाने, 25 जुलाई . विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को यहां लाओस की राजधानी में आसियान देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर भारत-चीन संबंधों में आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता के महत्व पर जोर दिया.

विदेश मंत्री जयशंकर ने वांग यी के साथ बैठक के बाद एक्स पर पोस्ट किया, “हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों के बारे में चल रही चर्चाओं को जारी रखा. सीमा पर स्थिति का असर हमारे संबंधों की स्थिति पर अनिवार्य रूप से दिखेगा. सेनाओं के बीच टकराव रोकने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए मजबूत मार्गदर्शन की आवश्यकता पर सहमति बनी.”

वांग यी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य भी हैं.

जयशंकर ने कहा, “एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) और पिछले समझौतों का पूरा सम्मान सुनिश्चित करना चाहिए. हमारे संबंधों को स्थिर करना हमारे आपसी हित में है. हमें वर्तमान में जरूरी मुद्दों को उद्देश्य और तत्परता की भावना के साथ देखना चाहिए.”

विदेश मंत्रालय ने बाद में एक बयान में कहा कि दोनों मंत्रियों ने जुलाई में अस्ताना की उनकी पिछली बैठक के बाद से स्थिति की प्रगति की समीक्षा की, जिसमें उनकी बातचीत द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने और पुनर्निर्माण करने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शेष मुद्दों का “शीघ्र समाधान खोजने” पर केंद्रित थी.

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, “सीमाओं पर शांति और स्थिरता तथा एलएसी का सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति के लिए आवश्यक है. दोनों पक्षों को अतीत में दोनों सरकारों के बीच हुए प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और समझ का पूरी तरह से पालन करना चाहिए.”

दोनों पक्ष चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय पर कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की एक प्रारंभिक बैठक भी आयोजित करेंगे.

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