जयशंकर ने कई देशों के विदेश मंत्रियों के साथ मुलाकात में आपसी रिश्तों की मजबूती पर दिया जोर

संयुक्त राष्ट्र, 27 सितंबर . विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र के दौरान कई देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की. इन मुलाकातों का उद्देश्य India के रिश्तों को और मजबूत करना और अलग-अलग देशों के वैश्विक दृष्टिकोण को समझना था.

उन्होंने तीन समूहों की बैठकों में भी भाग लिया: ब्रिक्स (प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं का दस सदस्यीय समूह); आईबीएसए (भारत-ब्राज़ील-दक्षिण अफ्रीका समूह), और India तथा सीईएलएसी (लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई राज्यों का समुदाय) का एक संयुक्त सम्मेलन. इन बैठकों में बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार और व्यापार जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.

जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों, यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति पर बातचीत की.

संयुक्त अरब अमीरात के उपPrime Minister अब्दुल्ला बिन जायद अल नहयान से उन्होंने दोनों देशों के सहयोग और होने वाली संयुक्त आयोग बैठक की तैयारियों पर चर्चा की. जयशंकर ने कहा कि उन्हें उनके विचार मौजूदा वैश्विक हालात पर उपयोगी लगे.

ऑस्ट्रिया की विदेश मंत्री बीट माइनल-राइजिंगर ने मुलाकात के बाद जयशंकर को धन्यवाद दिया और कहा कि India और ऑस्ट्रिया की साझेदारी को मजबूत करना दोनों देशों के साथ-साथ यूरोप के लिए भी लाभकारी है. जयशंकर ने बताया कि उन्होंने India और यूरोप के सामने मौजूद चुनौतियों और अवसरों पर गहन चर्चा की.

इसके अलावा जयशंकर ने एंटीगुआ-बारबुडा, उरुग्वे, इंडोनेशिया, सिएरा लियोन और रोमानिया के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात की.

भारत-सीईएलएसी बैठक की सह-अध्यक्षता कोलंबिया की विदेश मंत्री रोजा योलांडा विलाविसेनियो के साथ करते हुए, जयशंकर ने “एक्स” पर कहा कि वे “वैश्विक दक्षिण की आवाज का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार की तत्काल आवश्यकता” पर सहमत हैं.

बैठक में कृषि, व्यापार, स्वास्थ्य, डिजिटल तकनीक, आपदा राहत और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी. उन्होंने आगे कहा कि वे एआई, प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण खनिजों, अंतरिक्ष और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर भी सहमत हुए.

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